आस्था अथाह: ओम बन्ना धाम में होती है 'बुलेट' की पूजा
भारत में कई ऐसे मंदिर है जिसके साथ कोई न कोई अचम्भित करने वाली जनश्रुति जुड़ी हुई है। अक्सर मंदिरों के साथ जुड़ी बाते इतनी विचित्र होती हैं कि सुनकर सहसा विश्वास ही नहीं होता कि ऐसा भी हुआ होगा लेकिन बाशिंदों में प्रचलित किवदंतियां सुन इन्हें मानने पर मजबूर होना ही पड़ता है। ऐसा ही एक रहस्य्मय मंदिर राजस्थान के पाली में स्थित है। इस मंदिर में किसी देवी-देवता की नहीं बल्कि एक बुलेट बाइक की पूजा की जाती है। यहाँ लोग मनोकामना मांगने दूर-दूर से आते हैं। बाइक की पूजा होनेवाला यह मंदिर ओम बन्ना को समर्पित है। बात साल 1988 की है, जब पाली के रहने वाले ओम बन्ना ( राजस्थान में राजपूत परिवार के युवा लोगों के लिए बन्ना शब्द का इस्तेमाल किया जाता है) अपनी बुलेट बाइक से जा रहे थे और रास्ते में दुर्घटना का शिकार हो गए। इस दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई। इस स्थान पर कई हादसे हो चुके थे। कहा जाता है कि एक्सीडेंट के बाद इस बाइक को रोहिट थाने ले जाया गया पर अगले दिन पुलिस कर्मियों को वो बुलेट थाने में नहीं मिली। कहते है वो बुलेट बिना सवारी चल कर उसी स्थान पर चली गयी। फिर अगले दिन उनकी बुलेट को रोहिट थाने ले जाया गया पर फिर वही बात हुयी। ऐसा तीन बार हुआ, चौथी बार पुलिस ने बुलेट को थाने में चैन से बाँध कर रखा पर बुलेट पुनः दुर्घटना स्थल पर पहुंच गयी। ग्रामीणो और पुलिस वालो ने इसे चमत्कार मान कर उस बुलेट को वही पर रख दिया। उस दिन से आज तक वहाँ दूसरी कोई बड़ी दुर्घटना नहीं हुयी, जबकि उक्त क्षेत्र राजस्थान के बड़े दुर्घटना क्षेत्रों में से एक था। स्थानीय लोग कहते है कि ओम बन्ना आज भी अपनी मौजूदगी का एहसास करवाते है। अब उक्त दुर्गटना स्थल पर बाइक का मंदिर है और कहा जाता है कि जब से बाइक का मंदिर बनाया गया है, तब से वहां कोई एक्सीडेंट नहीं हुआ है। इसके बाद से लोग दूर-दूर से वहां पूजा करने आने लगे। अब राजस्थान में एक बड़ा वर्ग ओम बन्ना की पूजा करता है और ढोलकी के साथ उनकी आरती, भजन भी गाए जाते हैं। आज यह मंदिर बुलेट बाबा के नाम से भी विख्यात है।
शीशे के आवरण में रखी गई है ओम बन्ना की मोटरसाइकिल
यह स्थान जोधपुर पाली हाईवे पर पाली से लगभग 20 किलोमीटर दूर बुलेट बाबा के मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। मुख्य हाइवे के पास स्थित यह स्थान बीते कुछ सालों में बहुत चर्चित हुआ है। सड़क के किनारे जंगल में लगभग 20-25 प्रसाद व पूजा अर्चना के सामान से सजी दुकाने दिखाई देती है और साथ ही नजर आता है एक चबूतरा जिस पर ओम बन्ना की एक बड़ी सी फोटो, अखंड जलती ज्योत और उनकी बुलेट मोटरसाइकिल को एक शीशे के आवरण में रखा गया है। बुलेट बाबा के मंदिर में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और मन्नत मांगते हैं। ये लोगों की आस्था का केन्द्र है। ओमबन्ना की पुण्यतिथि पर देशभर से श्रद्धालु ओमबन्ना मंदिर में पहुंचते है और नजारा देखने लायक होता है। आम दिनों ओम बन्ना देवल पर सुबह व् शाम को भी ठीक सात बजे आरती की जाती है। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते है। आरती व पूजन यूं तो ओम बन्ना के परिजन ही करते है। कई बार उनके नहीं पहुंचने पर एक ब्राह्मण की ओर से आरती की जाती है।
पुत्र और सुहाग की रक्षा के लिए पहियों पर बांधते है मोली
पुत्र और सुहाग की रक्षा के लिए महिलाएं इस बाइक के पहियों पर मोली धागा बांध कर उनकी लम्बी उम्र के लिए दुआ करती है। शहर के आसपास रहने वाले लोगों की बाबा के प्रति अटूट श्रद्धा है, यही कारण है शादी के दौरान, दूल्हा और दुल्हन वहां आते हैं और सुहाग रक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं। स्थानीय लोग यहां अपने बच्चे के बाल निकालने की रस्म भी निभाते हैं।
लाखों वाहनों में लगी है ओम बन्ना की तस्वीर
ओम सिंह राठौर एक ऐसे व्यक्ति थे जो ज्यादा दिन जी तो नहीं सके लेकिन मर कर भगवान रूप बन गए। भगवान की सत्ता पर आपको यकीन हो या न हो लेकिन बुलेट मंदिर में लोगों को ओम बन्ना (ओम सिंह राठौर) भगवान पर जरूर यकीन है। यकीन इतना कि यहां से गुजरते हुए कोई भी यात्री ओम बन्ना के बुलेट मंदिर में पूजा और प्रसाद चढ़ाए बिना नहीं जाता। अगर जाता है तो एक्सीडेंट की भेंट चढ़ जाता है, ऐसा लोगों का कहना है। राजस्थान में चलने वाली लाखों गाड़ियों में ओम बन्ना की लगी तस्वीरें देखकर आपको यकीन हो जायेगा कि किस कदर लोगों की ओम बन्ना में आस्था है। लोग अपने वाहनों में ओम बन्ना की प्रतिमा, फ़ोटो व बुलेट के फोटो को रक्षा के तौर पर रखते है। कुछ वाहन चालकों की मान्यता तो यह भी है कि ओम बन्ना चालको को दुर्घटना से पहले ही अनहोनी का आभास करवाते है। बाकायदा ओम बन्ना को समर्पित कई भजन अब तक रिलीज़ हो चुके है।