यहाँ एकसाथ विराजमान है यमराज, धर्मराज और चित्रगुप्त
उज्जैन नगरी के रामघाट पर विश्व का एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां पर यमराज के साथ धर्मराज और चित्रगुप्त भी विराजमान है। कहते है यहां पर दर्शन मात्र से कष्ट पाप और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। उज्जैन के रामघाट पर स्थित धर्मराज चित्रगुप्त मंदिर का उल्लेख स्कंद पुराण और अग्नि पुराण में भी है। इस मंदिर में यमराज, धर्मराज, चित्रगुप्त और यमराज की बहन यमुना विराजमान है और मान्यता है कि जो श्रद्धालु यहां पर दर्शन करता है उसके कष्ट, पाप और दोष मुक्त हो जाते हैं। साथ ही कालसर्प दोष से भी निवारण मिलता है।
इस मंदिर का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है। 1702 में भी यहां पर पूजा अर्चना किए जाने के प्रमाण मौजूद है। देशभर के श्रद्धालु यहां पर रोग दोष की मुक्ति के लिए आते हैं। मंदिर के ऊपर से कर्क रेखा गुजरती है इसलिए भी मंदिर का विशेष महत्व माना गया है।
इस मंदिर में दीपक लगाने का भी विशेष महत्व है। राम घाट पर शिप्रा में स्नान करने के बाद श्रद्धालु मंदिर में पूजा अर्चना करते हैं। मान्यता है कि यहां दर्शन करने से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है। जीव-जंतु अथवा मनुष्य शारीरिक कष्टों के चलते कई बार जीवन और मौत के बीच संघर्ष करते हैं। ऐसी स्थिति में श्रद्धालु उनकी रक्षा अथवा मोक्ष की प्राप्ति के लिए पूजा करवाने भी यहाँ आते हैं।