कैंची धाम में हर भक्त के कष्टों पर चलती है कैंची, संवर जाती है बिगड़ी तकदीर
उत्तराखंड को देव भूमि कहा जाता है। जाहिर है कि उत्तराखंड के चप्पे-चप्पे पर देवी-देवताओं का वास है। हालांकि उत्तराखंड के अलावा हिमाचल प्रदेश को भी देवभूमि कहा जाता है। दोनों की भागौलिक स्थिति भी एक जैसी। दोनों ही पहाड़ी क्षेत्र हैं। दोनों ही के चप्पे-चप्पे पर देवी-देवताओं का वास है। आज उत्तराखंड के एक ऐसे मंदिर की यात्रा करवाते हैं जहां पहुंचने मात्र से ही सारे दुखों और कष्टों पर मानो जैसे एक कैंची सी चल जाती है। जी हां उत्तराखंड की वादियों में कैंची धाम के नाम से विश्वविख्यात मंदिर में पहुंचने से भक्त के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इस मंदिर को नींब करौरी अथवा नीम करौली के नाम से भी जाना जाता है।
कई भक्तों के दूर हुए कष्ट :
कैंची धाम के बारे में कई किस्से प्रचलित हैं, जिनसे यह पता चलता है कि यहां कष्ट जैसे छू मंत्र ही हो जाते हैं। मान्यता है कि यहां के बाबा नींब करौरी को हनुमान की शक्तियां प्राप्त थीं। लोग इन्हें हनुमान का ही अवतार मानते थे। बेहद साधारण वेषभूषा वाले बाबा नींब करौरी हमेशा आडंबरों से दूर रहे। वे न तो मस्तक पर तिलक लगाते थे और न ही गले में कंठी या माला धारण करते थे। उनके शिष्य की लिस्ट विदेशों तक थी। मिली जानकारी के अनुसार फेसबुक निर्माता जुकरवर्ग भी इनके शिष्यों की लिस्ट में शामिल हैं। एक बार जीवन में कोई कष्ट आने पर जुकरवर्ग बाबा नींब करौरी की शरण में आए थे। बाबा जी अभिमान और दंभ से सदा दूर रहते थे। इसका पता इस बात से चलता है कि वह कभी किसी को अपने पांव नहीं छूने देते थे। हालांकि वह सबको फलदायी आशीर्वाद तो देते मगर अपने पांव नहीं छूने देते थे। यदि कोई इनके पैर छूने की कोशिश करता तो वह सदैव हनुमान के पांव छूने का आह्वान करते। मान्यता है कि उन्हें साक्षात हनुमान जी के दर्शन हुए थे।
कहां है धाम स्थित :
यह धाम नैनीताल से लगभग ६५ किलोमीटर दूर स्थित है। यहां ट्रेन, बस या अपने किसी अन्य व्हीकल के माध्यम से पहुंचा जा सकता है। नैनीताल तो वैसे भी पर्यटन की दृष्टि से एक खूबसूरत स्थान है। ऐसे में यहां स्थित कैंची धाम पर्यटन के सौंदर्य के साथ आस्था के सागर में भी डिबो देता है। कैंची धाम को लेकर मान्यता है कि यहां आने वाला व्यक्ति कभी भी खाली हाथ वापस नहीं लौटता। यहां पर मांगी गई मनौती पूर्णतया फलदायी होती है। यही कारण है कि देश-विदेश से हज़ारों लोग यहां हनुमान जी का आशीर्वाद लेने आते हैं।
आम आदमी से लेकर खरबपति तक हैं बाबा के शिष्य :
बाबा के भक्तों में एक आम आदमी से लेकर अरबपति-खरबपति तक शामिल हैं। बाबा के इस पावन धाम में होने वाले नित-नये चमत्कारों को सुनकर दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां पर खिंचे चले आते हैं। बाबा के भक्त और जाने-माने लेखक रिचर्ड अल्बर्ट ने मिरेकल आफ लव नाम से बाबा पर पुस्तक लिखी है। इस पुस्तक में बाबा नीब करौरी के चमत्कारों का विस्तार से वर्णन है। इनके अलावा हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया राबट्र्स, एप्पल के फाउंडर स्टीव जाब्स और फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग जैसी बड़ी विदेशी हस्तियां बाबा के भक्त हैं।
हर साल लगता है विशाल भंडारा :
श्री हनुमान जी के अवतार माने जाने वाले बाबा के इस पावन धाम पर पूरे साल श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन हर साल १५ जून को यहां पर एक विशाल मेले व भंडारे का आयोजन होता है। यहां इस दिन इस पावन धाम में स्थापना दिवस मनाया जाता है। बाबा नीब करौरी ने इस आश्रम की स्थापना १९६४ में की थी। बाबा १९६१ में पहली बार यहां आए और उन्होंने अपने पुराने मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिल कर यहां आश्रम बनाने का विचार किया था।