मान्यता : उत्तराखंड के डोडीताल में हुआ था श्री गणेश का जन्म
माना जाता है कि प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेश का जन्म उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी स्थित डोडीताल में हुआ था। इस ताल के निकट माता अन्नपूर्णा का प्राचीन मंदिर है, जिसे भगवान श्री गणेश की जन्मस्थली माना जाता है। यहाँ गणेशजी अपनी माता के साथ विराजमान हैं।
पौराणिक कथाओं के अनुसार डोडीताल में ही माता पार्वती ने स्नान करने से पूर्व द्वार की सुरक्षा के लिए अपने उबटन से गणेश भगवान को उत्पन्न किया था। डोडीताल में श्री गणेश के साथ उनकी माता पार्वती भी विराजमान हैं। यहां पार्वती माता की पूजा अन्नपूर्णा के रूप में होती हैं। श्रद्धालु यहां मां अन्नपूर्णा और भगवान गणेश की पूजा के लिए आते हैं और उनका विश्वास है कि भगवान गणपति डोडीताल के अन्नपूर्णा मंदिर मे अपनी माता के साथ आज भी निवास करते हैं।
यह भी कहा जाता है कि केलसू, जो मूल रूप से एक पट्टी है,का मूल नाम कैलाशू है। इसे स्थानीय लोग शिव का कैलाश बताते हैं। केलसू क्षेत्र असी गंगा नदी घाटी के सात गांवों को मिलाकर बना है। गणेश भगवान को स्थानीय बोली में डोडी राजा कहा जाता हैं जो केदारखंड में गणेश जी के प्रचलित नाम डुंडीसर का अपभ्रंश है। मान्यता अनुसार डोडीताल क्षेत्र मध्य कैलाश में आता था और डोडीताल माता पार्वती का स्नान स्थल था।
इस क्षेत्र में सदियों से एक गीत गाया जाता है। लोग ये मंगल गीत लगाकर पारंपरिक नृत्य करते हैं। इस गीत के बोल हैं ‘गणेश जन्मभूमि डोडीताल कैलासू, असी गंगा उद्गम अरू माता अन्नपूर्णा निवासू।।’ श्री गणेश भगवान को सदियों से स्थानीय बोली में डोडी राजा कहा जाता है। स्कंद पुराण के केदारखंड से पता चलता है कि गणेश जी का प्रचलित नाम डुंडीसर भी है, जिसे डोडीताल से ही लिया गया है। ये दिव्य स्थान उत्तरकाशी जिले में संगम चिट्टी से लगभग 23 किलोमीटर दूर स्थित है।