कांगड़ : नाग मंदिर रानीताल में उमड़ा आस्था का सैलाव

मनाेज कुमार। कांगड़ा
रानीताल के चेलियां गांव में नाग मंदिर में रविवार को आस्था का सैलाब उमड़ आया। छुट्टी होने के कारण मन्दिर में लगभग 15 हजार श्रद्धालुओं ने नाग मंदिर में माथा टेका। मंदिर के पुजारी वर्ग ने बताया कि आज करीब 15 हजार हजार श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन किए। उन्होंने बताया कि यह मेले 15 जुलाई से शुरू हो चुके 15 सितंबर तक चलेंगे। 15 सितंबर को यहां विशाल जागरण व भंडारे का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु अपनी उपस्थिति दर्ज करवाएंगे। मंदिर के इतिहास व मान्यता के बारे में उन्होंने बताया कि यह मंदिर करीब 300 साल पुराना है ओर इस मंदिर की खास मान्यता यह है कि यदि किसी भी व्यक्ति को किसी भी तरह का सर्पदंश (यानी सांप ने काट लिया) हुआ हो तो उसे इस मंदिर में लाकर यहां की मिट्टी को प्यास के रूप में खिलाया व सफेद डोरी को गले में बांधा जाता है, जिससे सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति उसी दिन ठीक हो जाता है।
लोग मिट्टी को घर ले जाते है और पानी में मिला कर घर में छिड़काव करते हैं, जिससे विषेले जीव जंतु घर के अंदर प्रवेश नहीं करते आगे उन्होंने बताया कि इस मंदिर में नाग देवता मेलो के दौरान कई बार दर्शन देते हैं और हाल ही में शनिवार को नाग देवता ने दिन के समय मंदिर के अंदर भक्तो को नाग रूप में दर्शन दिए। नाग देवता नाग रूप में इन मेलों के दौरान अकसर नाग रूप में मंदिर के अंदर भक्तों को दर्शन देते हैं। इस मौके पर लगी दुकानों पर भी शिव भगतों ने खूब खरीददारी की। इस अवसर पर मंदिर के पुजारी ने बताया कि अभी सावन महीने के बाद एक महीने तक इसी तरह मंदिर में शिव भगतों का आना-जाना लगा रहेगा।