भरमौर : जल शक्ति मंत्री की सद्बुधि के लिए करुणामूलक संघ करेगा हवन-अजय कुमार
मनीष ठाकुर। भरमौर
करुणामूलक संघ की क्रमिक भूख हड़ताल के 198 दिन पुरे हो चुके हैं। ऐसे में दिन-प्रतिदिन करुणामूलक संघ नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। देवभूमि हिमाचल के इतिहास में पहली बार हो रहा है, जो कोई वर्ग इतने लंबे समय से भूख हड़ताल पर बैठा हो।करुणामूलक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि जैसे ही करुणामूलक संघ 200 दिन क्रमिक भूख हड़ताल के पुरे कर लेगा। उस दिन प्रदेश भर के करुणामूलक आश्रित मंत्री विशेष जल शक्ति मंत्री की सद्बुधि के लिए हवन करने जा रहे हैं, ताकि इस हवन के बाद सरकार व मन्त्री विशेष करुणामूलक परिवारों के हित में फैसला लें। प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार का कहना है कि इस संघर्ष में अभी तक सरकार का कोई भी नुमाइंदा करुणामूलक आश्रितों से मिलने नही आया और न किसी नेता ने हमारी सुध-बुध ली, जबकि 2017 में सता में बिठाने के लिए करुणामूलक परिवारों का बहुत बड़ा योगदान रहा है।
आश्रितों ने ये भी कहा कि मुख्यमन्त्री चुनाव प्रचार के लिए अगर पड़ोसी राज्यों में जा सकते हैं, तो करुणामूलक परिवारों से मिलने क्याें नहीं आ सकते, जबकि करुणामूलक आश्रित राजधानी शिमला में मुख्यमंत्री आवास से कुछ ही दूरी पर काली बाड़ी के पास बर्षाशालिका में बैठे हैं। क्याें मुख्यमंत्री को करुणामूलक संघ की भूख हड़ताल का मंच सात महीनों में एक बार भी नहीं दिखा। संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार का दो टूक शब्दों में कहा कि अभी भी सरकार के पास समय है। 14 तारिख को कैबिनेट भी होने जा रही है और इसी दिन करुणामूलक संघ अपने 200 दिन पुरे कर लेगा और ठीक इसी दिन मंत्री विशेष जल शक्ति मंत्री की सदबुधि के लिए करुणामूलक आश्रित ने हवन करवाने जा रहे है, ताकि कैबिनेट में करुणामूलक मुद्दा जोरों-शोरों से गुंजे और क्लास-सी के आश्रितों को इसी कैबिनेट में न्याय मिल सके और कैबिनेट में क्लास-सी मुद्दे हेतु मोहर लग सके।
अगर सरकार आगामी कैबिनेट में जो 14 फरवरी को होने जा रही है, उसमें करुणामूलक परिवारों के लिए कुछ नही करती है, तो इसी तरीके से करुणामूलक संघ प्रदेश सरकार के हर मंत्री की सद्बुधि के लिए हवन करवाएगा। करुणामूलक संघ ने सरकार से मांग की है कि समस्त विभागों, बोर्डों, निगमों में लंबित पड़े करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नोकरियों में क्लास-3 के केसों को आगामी कैबिनेट में लाया जाए। क्लास-3 में जितने भी मामले आ रहे हैं, उन्हें योग्यता के आधार पर विभिन्न श्रेणियों में नियुक्तियां दी जाए, ताकि कलर्क के पद पर ज्यादा बोझ न पड़े और जिन करुणामूलक आश्रितों की योग्यता तकनीकी शिक्षा में है, उनको उसी श्रेणी में नौकरी दी जाए।