केलांग : लाहुल स्पीति को जल्द सुखा ग्रस्त घोषित करें सरकार-रवि ठाकुर
पूर्व विधायक बोले, समय पर बारिश न होने से किसान बागवानों की बढ़ी दिक्कतें
आलाेक। केलांग
सुखे की मार झेल रहे लाहुल स्पीति के किसान बागबानों की दिक्कतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बात अगर लाहुल की करें, तो घाटी की तांदी पंचायत के अधिन आने वाले गांवों में जहां किसान बागबान पानी की बूंद-बूंद को तरस गए हैं। वहीं, हालात ऐसे हो गए हैं कि किसानों को दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़ते नजर आ रहे हैं। लाहुल के सिंद्धबाडी, बारिंग, चेवर, शेरिंग, ओथंग, शुंगनम सहित लाहुल के अधिकतर गांवों में ग्रामीण सुखे की मार झेलने को मजबूर हैं। यही नहीं बात अगर स्पीति की करें, तो स्पीति के कुछ गांव में इस बार फसल को पानी न मिलने के कारण किसानों के चेहरे मायूस है। वहीं, किसानों की सालाना आय भी अब प्रभावित होती नजर आ रही है। समय पर बारिश भी नहीं हुई और इस बार बर्फबारी भी उतनी ज्यादा नहीं हो पाई है। वहीं, बर्फ से ढकी रहने वाली स्पीति घाटी में इस तरह की पानी की किल्लत से किसानी पर प्रभाव पड़ता नजर आ रहा है। स्पीति के चिचिम, हिक्कम, लांगचा, टाशीगंग व डेमुल आदि गांव में सबसे अधिक किल्लत है।
ऐसे में घाटी के ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि लाहुल-स्पीति को सुखा ग्रस्त घोषित किया जाए, ताकि ग्रामीणों को कुछ हद तक राहत मिल सके। उधर, तांदी पंचायत के प्रधान विरेंदर का करना है कि इस वर्ष घाटी में बारिश नाम मात्र की होने से किसान बागवानों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। वहीं, नालों के माध्यम से खेतों में की गई सिंचाई से तैयार की गई फसलों के दाम भी काफी कम मिल रहे हैं। ऐसे में किसानों को दो वक्त की रोटी के लाले भी पड़ते नजर आ रहे हैं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि लाहौल घाटी को सूखाग्रस्त घोषित किया जाए। उन्होंने बताया कि कांग्रेस की सरकार में नवार्ड के माध्यम से जारी किए गए 9 करोड़ 32 लाख रुपए के बजट जिसके माध्यम से खंडीपुर कुहल के कार्य को भी अमली जामा पहनाया जाना था, लेकिन सता परिवर्तन होते ही भाजपा की सरकार ने इस कार्य को नजरअंदाज किया और इस कार्य में किसी भी तरह की रुचि नहीं दिखाई।
लिहाजा क्षेत्र के ग्रामीणों को पानी की समस्या से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वे जयराम सरकार से यह मांग करते हैं कि लाहौल-स्पीति को सूखाग्रस्त घोषित किया जाए और किसान बागवानों को उचित मुआवजा जल्द से जल्द उपलब्ध करवाया जाए। इस वर्ष लाहौल स्पीति में कम बर्फबारी जहां दर्ज की गई है। वहीं, समय पर बारिश न होने से घाटी के किसानों और बागवानों की फसलें भी पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। यही नहीं लाहौल-स्पीति के अधिकतर गांव सूखे की मार झेल रहे हैं। लिहाजा मैं सरकार से यह आग्रह करता हूं कि लाहौल स्पीति को जल्द से जल्द सूखा ग्रस्त घोषित किया जाए।