सरकार के दावे खोखले, दिसम्बर-2021 तक आधी आबादी की होगी वैक्सीनेशन पूरी : राणा
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष व सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि केंद्र सरकार के मंत्री ये दावा कर रहे है कि दिसम्बर, 2021 तक देश के सभी नागरिकों को कोरोना महामारी का टीकाकरण का काम कर दिया जाएगा जबकि वैक्सीन दवा कंपनियों के दावे कुछ और हैं। इससे ही साबित होता है कि सरकार के मंत्री ही भ्रम की स्थिति जनता में फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में 2 कंपनियां वैक्सीन बनाने का काम कर रही है, जिसमें सीरम कंपनी कोविशील्ड व भारत बायोटेक कोवैक्सिन का निर्माण कर रही है। उन्होंने कहा कि सिरम कंपनी ने दावा किया है कि वह दिसम्बर, 2021 तक 60 करोड़ वैक्सीन तैयार कर लेगी, वहीं भारत बायोटेक का दावा है कि दिसम्बर, 2021 तक 70 करोड़ बना लेगी। उन्होंने कहा कि अगर इन दोनों वैक्सीन निर्माता कंपनियों के दावे पर भी विश्वास करे तब भी हर नागरिक को 2 बार वैक्सीन लगने पर 50 प्रतिशत आबादी को ही टीकाकरण मुकम्मल हो पाएगा, जबकि सिरम कंपनी ने वैक्सीन विदेशों में भी भेजने का करार किया है। उन्होंने कहा कि इससे साबित होता है कि केंद्रीय मंत्री देश की जनता के साथ झूठ बोल रहे हैं। राजेंद्र राणा ने कहा कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बिहार के चुनावों के दौरान बिहार में मुफ्त टीकाकरण की घोषणा की थी और चुनावों के बाद लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया। उन्होंने इस बात को लेकर भी अफसोस जाहिर किया कि देश की जनता को वैक्सीनेशन लगाने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है और वैक्सीन पूरा नहीं हो रहा है, जबकि देश के प्रधानमंत्री खुद को महान साबित करने के लिए वैक्सीन 123 देशों में भेज रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को ऐसी घड़ी में पहाड़ी राज्यों की खुलकर मदद करनी चाहिए और प्रदेश सरकार को भी केंद्र सरकार से विशेष पैकेज लेने की वकालत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज टीकाकरण करने के लिए जो सरकार का ऑनलाइन सिस्टम है, वो 2 मिनट में फुल हो जाता है और लोगों को कोसों दूर गाड़ियां करके टीका लगवाना पड़ रहा है, इस प्रक्रिया को ठीक करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार स्पष्ट करे कि 60 साल की उम्र से ज्यादा ऐसे कितने लोग हैं, जिन्हें अभी तक वैक्सीनेशन नहीं हो पाया है। सरकार को चाहिए कि पहाड़ी राज्य होने के नाते फुल्ली एक्विपपड़ वैनस तैयार करके गांव-गांव जाकर टीकाकरण करना चाहिए क्योंकि कई बजुर्ग लोग पैदल नहीं चल सकते हैं, उन्हें भी टीका लग सके।