हमीरपुर: मुख्यमंत्री ने नादौन में रखी 4 विकासात्मक परियोजनाओं की आधारशिला
-44.46 करोड़ की पेयजल परियोजना में होगा अत्याधुनिक यूवी फिल्टर तकनीक का इस्तेमाल
43.06 करोड़ के पर्यटन विकास निगम के होटल का भी किया शिलान्यास
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज जिला हमीरपुर की नादौन विधानसभा क्षेत्र के लिए चार विकासात्मक परियोजनाओं की आधारशिला रखी। उन्होंने नादौन शहर के लिए चौबीस घंटे पेयजल की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 44.66 करोड़ की लागत से बनने वाली परियोजना का शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस परियोजना के निर्माण कार्य इस वर्ष गर्मियों से पहले पूरा कर लिया जाएगा, जिससे नगर पंचायत नादौन के सभी सात वार्डों के निवासियों को चौबीस घंटे पेयजल आपूर्ति की सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि इस योजना में अत्याधुनिक यूवी फिल्टर तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
सीएम सुक्खू ने 43.06 करोड़ की लागत से नादौन में बनने वाले हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के होटल का शिलान्यास भी किया, जिसे जुलाई 2025 तक बनाने का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि यह होटल पर्यटकों को सुविधा प्रदान करने की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री ने गगाल में 6.54 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले जल शक्ति विभाग के विश्राम गृह तथा जलाड़ी में 14.02 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले मॉडल करियर एवं स्किल सेंटर की आधारशिला भी रखी। स्किल सेंटर जून, 2025 तक बनकर तैयार कर लिया जाएगा।
जल्द बनाए जाएंगे इन्फ्रास्ट्रक्चर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विभाग
मंत्रियों को विभाग आवंटित करने के सवाल पर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि नए बनाए गए मंत्रियों को विभाग सौंप दिए गए हैं तथा जिन मंत्रियों से विभाग लिए गए हैं, उन्हें उनके मौजूदा विभागों के अनुसार नए बनाए जा रहे विभाग दिए जाएंगे। कुछ विभाग लेने से मंत्रियों में कोई नाराजगी नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार विभागों का पुनर्गठन करने जा रही है तथा आने वाले समय में कुछ नए विभाग बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इन्फ्रास्ट्रक्चर विभाग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विभाग बनाए जाएंगे ताकि निर्णय लेने में आसानी हो सके और राज्य सरकार का कामकाज सुचारू रूप से चल सके।
सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि केंद्र सरकार के उपक्रम वाटर सेस का विरोध कर रहे हैं। इसके साथ ही बीबीएमबी के 4300 करोड़ रुपए केंद्र सरकार के पास फंसे हैं, जिसे केंद्र सरकार जारी नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि लुहरी, सुन्नी तथा धौलासिद्ध जल विद्युत परियोजनाओं में हिमाचल प्रदेश के हितों का ध्यान नहीं रखा गया और प्रदेश के हितों को पिछली भाजपा सरकार के कार्यकाल में बेचा गया। इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने सेरा विश्राम गृह में जन समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को शीघ्र निपटारा करने के निर्देश दिए।