हैप्पी हाइपोक्सिया कोरोना संक्रमितों के लिए जानलेवा
कोरोना और फंगस की चौतरफा मार के बीच हैप्पी हाइपोक्सिया भी डॉक्टरों के लिए एक बड़ी समस्या बना हुआ है। हैप्पी हाइपोक्सिया ने हर किसी के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है, ये कोरोना से संक्रमित हुए लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। इसमेंं एकाएक ऑक्सीजन का लेवल घटने से कई मरीजों की मौत हो रही है। आइए जानते हैं कि आखिर ये हैप्पी हाइपोक्सिया क्या है।
हैप्पी हाइपोक्सिया क्या है?
डॉक्टर्स कहते हैं कि हैप्पी हाइपोक्सिया कोरोना का एक नया लक्षण है। इसमें संक्रमित हुए व्यक्ति को खांसी, बुखार और सांस फूलने की समस्या नहीं होती है, लेकिन अचानक ऑक्सीजन लेवल गिरने लगता है और इस वजह से मरीज की जान खतरे में पड़ सकती है।
ऐसे पहचान सकते हैं इस बीमारी को
विशेषज्ञ कहते है कि अगर आप में हैप्पी हाइपोक्सिया का कोई लक्षण नहीं है, और आप इसे पहचानना चाहते हैं तो आप ऐसा कर सकते हैं कि एक सांस में एक से 30 तक गिनती करें। अगर इस दौरान आपको सांस लेने में दिक्कत आ रही है, तो आपको अपने डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए।
चेक करते रहें ऑक्सीजन लेवल
हैप्पी हाइपोक्सिया के कारण फेफड़ों में खून की नसों में थक्के जम जाते हैं, जिसकी वजह से फेफड़ों को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन सप्लाई नहीं होती और खून में ऑक्सीजन सैचुरेशन कम होने लगता है। मरीज ठीक होता है, लेकिन अचानक उसका ऑक्सीजन लेवल 70 से 80 प्रतिशत हो जाता है और सांसें उखड़ने लगती हैं। ऐसे में मरीज को तुरंत अस्पताल ले जाना चाहिए। वहीं, कोरोना से संक्रमित हुए लोगों को दिन में दो-तीन बार ऑक्सीजन सैचुरेशन चेक करना चाहिए।
इन अंग को ज्यादा प्रभावित करती है ये बीमारी
यहां आपको बता दें कि हाइपोक्सिया दिमाग, दिल, किडनी समेत कई अन्य प्रमुख अंगों के काम को प्रभावित करता है। वहीं, डॉक्टर्स मानते हैं कि युवाओं की इम्यूनिटी मजबूत होती है, जिसकी वजह से उनमें लक्षण काफी हल्के नजर आते हैं और युवा इनको नजरअंदाज करते हैं। ऐसे में अगर आपके शरीर का ऑक्सीजन सैचुरेशन 94 प्रतिशत से कम है और आपको कोई दिक्कत नहीं हो रही है तो ये हाइपोक्सिया है। ऐसे में युवा लोग इसे नजरअंदाज न करें।