गुणों की खान है कचनार की कलियां और फूल
हमारे आसपास प्रकृति में कई पेड़ पौधे हैं जो औषधीय गुणों से भरपूर हैं। इन्हीं में से एक कचनार का पेड़ है जो हर तरह से लाभदायक है। मंडी जिला की स्थानीय भाषा में इसे कराले कहते हैं। मार्च के बाद फूलों से लदने वाले इस पेड़ की पत्तियां, तना व फूल, कलियां आदि सभी उपयोगी हैं। मंडी जिला के अधिकांश क्षेत्रों में भी आजकल कचनार के पेड़ फूलों और कलियों से लदे हैं। कचनार की अनेक प्रजातियां में पाया जाता है। इनमें से गुलाबी कचनार का सबसे ज्यादा महत्व है। कचनार के फूलों की कली लंबी, हरी व गुलाबी रंग की होती है। बुजुर्गों और शोधकर्ताओं की मानें तो कचनार के फूल और कलियां वातरोग, जोड़ों के दर्द के लिए विशेष लाभकारी होती हैं। इसकी कलियों की सब्जी व फूलों का रायता बड़े ही चाव से खाया जाता है।