जानिए कैसे फैलता है मंकीपॉक्स, क्या है इसके लक्षण, कैसे करें बचाव
भारत में मंकीपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि हो गई है। यूएई से केरल लौटे एक व्यक्ति को मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। व्यक्ति की जांच किए जाने पर मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है। डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार 50 देशों से ज्यादा देशों में मंकीपॉक्स के करीब 3,413 से ज्यादा मामले सामने आये हैं और 70 से ज्यादा मरीजों की मौत हुई है।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?
मंकीपॉक्स के फैलने को लेकर उन्होंने कहा कि मंकीपॉक्स जानवरों से मनुष्यों में फैलने वाला वायरस है। मंकीपॉक्स स्मॉलपॉक्स की तरह ही एक वायरल इंफेक्शन है जो चूहे और खासकर बंदरों से इंसानों में फैल सकता है। वर्तमान में लगभग 99% मामले एमएसएम में हैं जो पुरुष-पुरुष के साथ यौन संबंध रखते हैं और लगभग 80% मामले यूरोप और फिर अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और अन्य में हैं। मंकीपॉक्स मुख्य रूप से बहुत करीबी व्यक्तिगत संपर्क बनाने के माध्यम से फैलता है।
कैसे करें मंकीपॉक्स से बचाव?
मंकीपॉक्स से बचाव और इसके इलाज को लेकर डॉ. ईश्वर गिलाडा ने कहा कि वर्तमान में मंकीपॉक्स का कोई सटीक इलाज नहीं है। हां, चेचक का टीका उपयोगी हो सकता है क्योंकि यह मंकीपॉक्स को रोक सकता है और मंकीपॉक्स के इलाज के लिए चिकित्सीय एजेंट के रूप में कार्य कर सकता है। इससे बचाव के लिए हमें किसी भी सावधानी बरतनी होगी और मंकीपॉक्स से ग्रसित मरीज के संपर्क में ना आएं। साथ ही इसके फैलने के जो कारण बताए गए हैं वैसा भी ना करें। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की गई सभी वस्तुओं से दूर रहकर मंकीपॉक्स से बचा जा सकता है।
क्या हैं मंकीपॉक्स के लक्षण?
मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के रोगियों में देखे गए लक्षणों के समान होते हैं. इसके शुरुआती लक्षण में पूरे शरीर पर गहरे लाल रंग के दाने, निमोनिया, तेज सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, ज्यादा थकान लगना, तेज बुखार आना, ठंड लगना, शरीर में सूजन और एनर्जी की कमी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।