नए साल में नया कोरोना , क्या है कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन, भारत में क्यों बढ़ रहा है खतरा
30 जनवरी 2020 , ये वो दिन जो भारत भुलाए नहीं भूल सकता ,वो दिन जिसने पुरे 2020 की तस्वीर बदल कर रख दी , ये वो दिन है जब भारत में कोरोना बीमारी का पहला मामला सामने आया था .
पहले लोगो ने भले ही इस बीमारी को तवज्ज़ो न दिया हो , लेकिन जनता में इसका खौफ मुसलसल बढ़ता गया , पहले लॉकडाउन फिर अनलॉक, लगातार बढ़ते नए मामले , अनगिनत मौतें , पुलिस के डंडे और चौपट कारोबार , इस कोरोना के चलते नजाने लोगों ने कितना कुछ सहा , लेकिन 2021 के लिए लोग मुन्तज़िर रहे, इस उम्मीद में की शायद अगला साल बेहतर होगा . साल ख़तम होने को था, कोरोना का खौफ कम हो ही रहा था की अब एक नए कोरोना वायरस ने दस्तक दे दी , तारीख 29 दिसंबर 2020 , यानि ये साल जाते जाते एक और तोहफा दे कर जा रहा है .
29 दिसंबर को खबर आई की भारत में भी यूके वाले कोरोनावायरस के नए स्ट्रेन (Coronavirus New Strain) की एंट्री हो गई है. ब्रिटेन से लौटने वाले छह मरीज इस म्यूटेंट कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए हैं. इनके संपर्क में आए करीबी लोगों को भी क्वारंटाइन में रखा गया है. कुल 33,000 यात्री यूके से भारत के अलग-अलग एयरपोर्ट पर 25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच आए थे, जिनमें से 114 कोरोना संक्रमित पाए गए . इनके सैंपल को जब जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया तो छह में नया स्ट्रेन मिला. इनमें से तीन सैंपल बेंगलुरू के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो-साइंसेज, 2 CCMB, हैदराबाद और 1 NIV, पुणे में मिला है .
खौफ का एक नया पर्याय वापिस लौट आया है और इस बार ज़्यादा ताकतवर बनकर . ब्रिटेन कोरोना की वैक्सीन पर मोहर लगाने वाला दुनिया का पहला देश है . यहां दिसंबर के दूसरे हफ्ते से ही लोगो कको वैक्सीन लगाना शुरू कर दिए गया है , पर अब कोरोना के इस नए स्ट्रेन ने लोगो की चिंता बढ़ा दी है . बताया जा रहा है की कोरोना का ये नया स्ट्रेन 70 फीसदी ज़ादा संक्रामक है. भारत के पहले नए म्यूटेंट कोरोनवायरस वाले स्ट्रेन के केस अब तक डेनमार्क, नेदरलैंड्स, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्विट्ज़रलैंड, जर्मानी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर जैसे देशों में सामने आ चुके हैं. इस नए कोरोना की खबर आते ही कई देशों ने ब्रिटेन के साथ अपना हवाई संपर्क मुल्तबी कर दिया , भारत भी उन देशों में से एक है , लेकिन अब काफी देर हो चुकी है और इस स्ट्रेन के 6 नए मामले सामने आ चुके है . इस वायरस के साथ साथ नई मुसीबतें भी भारत आई है .लोगो में आशंका है की ये वायरस फैलता कैसे है , क्या ये वायरस ज़्यादा सक्रीय है , क्या इसके लक्षण अलग है और सबसे बड़ा सवाल क्या इसपर कोरोना की वैक्सीन असर करेगी .
आखिर क्या है ये नया म्युटेंट वायरस ...........
बताया जा रहा है की कोरोना के इस नए स्ट्रेन के वायरल जेनेटिक लोड में कम से कम 17 बदलाव हुए है जिनमें 8 बेहद महत्वपूर्ण हैं और वायरस के जेनेटिक स्ट्रक्चर में हुए इस बदलाव को ही म्युटेशन कहते है . यह स्ट्रेन- B.1.1.7 - क्लीनिकल सीवीएरिटी या मृत्यु दर में कोई बदलाव नहीं करता है, लेकिन 70 प्रतिशत अधिक संक्रमणीय है. कोरोना के नए स्ट्रेन को 70 फीसदी अधिक संक्रामक बताया जा रहा है . कहा जा रहा है कि इसका म्यूटेशन कोरोना वायरस में 17 बदलावों के साथ हुआ है, इसलिए यह ज्यादा खतरनाक है . विशेषज्ञों का कहना है कि ये नया वायरस बच्चों और युवाओं को ज्यादा अपनी चपेट में ले रहा है .
कितना खतरनाक नया स्ट्रेन ? ............
कोरोना के इस नए स्ट्रेन को इसलिए ज्यादा खतरनाक माना जा रहा है, क्योंकि इसके आठ रूप जीन में प्रोटीन बढ़ाने वाले हैं, जिसमें से दो सबसे ज्यादा खतरनाक हैं . पहला, नए स्ट्रेन का N501Y रूप, जिसकी वजह से वायरस शरीर की कोशिकाओं पर हमला कर सकता है और दूसरा, H69/V70 रूप, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी को नुकसान पहुंचाता है.
नया स्ट्रेन क्यों तेजी से फैल रहा है? ..............
विशेषज्ञों के मुताबिक, कोरोना का नया स्ट्रेन काफी तेजी से दुनियाभर में फैल रहा है . कहा जा रहा है कि इस नए 'प्रकार' ने वायरस को बढ़ाने वाले प्रोटीन में बदलाव कर लिया है, जिसके जरिए यह शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं पर आसानी से हमला कर देता है . इसके तेजी से फैलने का कारण यही है .
ब्रिटेन में मिले कोरोना के 40 हजार नए मरीज..........
गौरतलब है कि नया स्ट्रेन मिलने के बाद ब्रिटेन में मरीजों की संख्या में बहुत तेजी के साथ इजाफा हुआ है. ऐसा पहली बार हुआ है जब देश में 40 हजार से ज्यादा कोरोना मरीज एक दिन के भीतर मिले हैं. हालांकि अभी इस पर रिसर्च जारी है कि ये नया स्ट्रेन कितना घातक है.
अब तक कितने देशों में फैला है यह?
कोरोना वायरस का यह नया रूप सबसे पहले ब्रिटेन में पाया गया था, जिसके बाद से यह अब तक कई देशों में फैल चुका है . इसमें डेनमार्क से लेकर हॉलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर जैसे देश शामिल हैं .
क्या कोरोना के 'नए रूप' पर काम करेगी वैक्सीन?
भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर विवेक मूर्ति का कहना है कि वायरस का यह नया स्ट्रेन (प्रकार) अधिक संक्रामक तो है, लेकिन फिलहाल यह मानने की कोई वजह उपलब्ध नहीं है कि विकसित किए जा चुके कोरोना के टीके वायरस के नए प्रकार पर प्रभावी नहीं होंगे . जर्मनी की दवा कंपनी बायोएनटेक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी उगुर साहीन ने भी कहा है कि इसकी पूरी संभावना है कि वैक्सीन इस वायरस के नए प्रकार पर भी प्रभावी रहेगी, लेकिन अगर जरूरत होती है तो कंपनी छह हफ्ते में नई वैक्सीन तैयार कर सकती है . तो वहीं भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि कोरोना की वैक्सीन नए स्ट्रेन पर भी प्रभावी होगी. लोगों को नए स्ट्रेन से घबराने की जरूरत नहीं है.
भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो के विजय राघवन ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वैक्सीन यूके और दक्षिण अफ्रीका में पाए जाने वाले वेरिएंट के खिलाफ काम करेंगी. इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि वर्तमान वैक्सीन इन कोरोना वेरिएंट्स से बचाने में नाकाम रहेंगी.
कोरोना के 'नए रूप' से कैसे करें बचाव ?
दिल्ली स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉ. ए. के. वार्ष्णेय कहते हैं कि कोरोना के इस 'नए रूप' से घबराने के बजाय अगर हम नियमों का पालन करें तो हर प्रकार के स्ट्रेन से बच सकते हैं . ऐसे में आप विशेषज्ञों के बताए नियमों (जैसे- मास्क पहनना, सुरक्षित शारीरिक दूरी अपनाना और हाथ धोना) का पालन जरूर करें .