लगातार फेल हो रहे दवाओं के सैंपल, मार्च में बनी दवाओं के तीन सैंपल फेल
हिमाचल प्रदेश में कुछ दवा उद्योगों के सैंपल लगातार फेल हो रहे है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) के ड्रग अलर्ट में लगातार इसका खुलासा हो रहा हैं। पिछले 9 महीनों के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो हिमाचल में बनी कुल 41 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। जुलाई 2020 में कुल 11, अगस्त में 4, सितम्बर में 3, अक्टूबर में 2, नवंबर में 5, दिसंबर में 2, जनवरी 2021 में 8, फरवरी में 3 और मार्च में भी 3 सैंपल फेल हुए हैं।
मार्च महीने में हिमाचल प्रदेश के दवा उद्योगों की तीन और देश की 18 दवाइयां मानकों पर खरी नहीं उतरी है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन के मार्च के ड्रग अलर्ट में प्रदेश में बनी एंटी एलर्जी, पेन किलर और एंटीबायोटिक दवा के सैंपल फेल हो गए है। सिरमौर के पांवटा साहिब स्थित मैसर्ज जी लैबोरेटरीज कंपनी में बनने वाली एंटी एलर्जी दवा टरबीनापाइन, नालागढ़ के दवा औद्योगिक क्षेत्र में मैसर्ज एक्मे जेनेरिक्स कंपनी की पेन किलर दवा ट्रीपसिन एंड किमो ट्रीपसिन और औद्योगिक क्षेत्र झाड़माजरी की एंटीबायोटिक दवा अमोक्साइक्लीन के सैंपल फेल हुए हैं। चौंकाने वाली बात तो ये है की इनमें एक कंपनी ऐसी है जहां बनी दवाओं के सैंपल पिछले 8 महीनो में कई बार फेल हो चुके है। पौंटा की जी लैबोरेट्रीज में बनी दवाओं के सैंपल कई बार फेल हो चुके हैं।
प्रदेश दवा नियंत्रक नवनीत मरवाह ने बताया तीनों दवा कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। फेल सैंपलों के बैच बाजार से हटाने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन ने मार्च में देश की कुल 1572 दवाओं के सैंपल लिए थे, जिनमें 1553 मानकों पर खरे उतरे और 18 सैंपल फेल हुए हैं। खराब हुए सैंपलों में तमिलनाडु के छह, हिमाचल की तीन, मुंबई, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, हरियाणा और उत्तराखंड का एक-एक सैंपल शामिल है। एक सैंपल आयुर्वेदिक फार्मेसी का खराब निकला, जबकि दो सैंपल बिना लेवल के थे।