केरल के वायनाड में हुई नोरोवायरस की पुष्टि, 11 छात्र संक्रमित
केरल के वायनाड में नोरोवायरस की पुष्टि हुई है। वायनाड जिले के एक पशु चिकित्सा महाविद्यालय के 11 छात्रों में नोरोवायरस की सूचना मिली है। केरल के स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने शुक्रवार को लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा है और नोरोवायरस के बाद दिशानिर्देश जारी किए है। बताया जा रहा है कि यह एक अत्यधिक संक्रामक पेट की बग है। इसकी वजह से व्यक्ति में कई लक्षण दिखाई पड़ने लगते हैं। जानकारी के मुताबिक ये बीमारी दूषित पानी और दूषित भोजन के जरिए फैलती है। ये पशुजनित बीमारी है। दो सप्ताह पहले वायनाड जिले के विथिरी के पास पुकोडे में एक पशु चिकित्सा कॉलेज के 13 छात्रों में दूषित पानी और भोजन के माध्यम से फैलने वाली एक पशु जनित बीमारी नोरोवायरस की सूचना मिली थी। केरल के स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि वर्तमान में चिंता का कोई कारण नहीं है, लेकिन सभी को सतर्क रहना चाहिए। सुपर क्लोरीनीकरण सहित गतिविधियां चल रही हैं। पेयजल स्रोतों को स्वच्छ बनाने की जरूरत है।
बता दें कि नोरोवायरस गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारी का कारण बनता है, जिसमें पेट और आंतों की परत की सूजन, गंभीर उल्टी और दस्त शामिल हैं। नोरोवायरस स्वस्थ लोगों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित नहीं करता है लेकिन यह छोटे बच्चों, बुजुर्गों में गंभीर हो सकता है। नोरोवायरस आसानी से संक्रमित लोगों के साथ निकट संपर्क के माध्यम से या दूषित सतहों को छूने से फैलता है। यह पेट के कीड़े वाले किसी व्यक्ति द्वारा तैयार या संभाला हुआ भोजन खाने से भी फैल सकता है। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के मल और उल्टी से फैल सकता है। दस्त, पेट दर्द, उल्टी, मतली, उच्च तापमान, सिरदर्द और शरीर में दर्द नोरोवायरस के कुछ सामान्य लक्षण हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि तीव्र उल्टी और दस्त से निर्जलीकरण और आगे की जटिलताएं हो सकती हैं।