कुल्लू से रहा है अटल बिहारी वाजपेयी का गहरा नाता
अटल बिहारी वाजपेयी बेशक पूरे देश के लिए प्रधानमंत्री थे, लेकिन हिमाचल में अभिभावक की तरह रहे है। यही वजह है कि सक्रिय राजनीतिक छोड़ने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री ने कुल्लू के प्रीणी को अपना घर बनाया। वह ज़्यादातर समय यही पर ही रहना पसंद करते थे।उन्होंने हिमाचल के सौंदर्य और बर्फ से लदी पहाड़ियों पर कविताएं भी लिखी हैं। अटल बिहारी वाजपेयी की बेटी की शादी मनाली में होने के बाद उनका नाता मनाली से भी जुड़ गया। उनके दामाद रंजन भट्टाचार्य हिमाचली हैं। इसकी वजह ये है कि रंजन के माता- पिता डाक्टर होने के कारण कई साल हिमाचल में रहे। प्रधानमंत्री बनने के बाद वह पहली बार कुल्लू आए। ढालपुर में हुई रैली में वाजपेयी ने हिमाचल को 100 करोड़ की स्पेशल ग्रांट घोषित की थी। अटल जी भले ही आज हमारे बीच में न हों लेकिन उनकी पुण्यतिथि पर कुल्लू मनाली के लोगों ने जहां उन्हें श्रद्धांजलि देकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए, वहीं अपनी यादें भी सांझा की।
कुल्लू-मनाली में जब वो मंजर देख अटल की आंखों में आ गए थे आंसू
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को अपने दूसरे घर प्रीणी (मनाली) से इतना प्यार रहा है कि वे यहां के लोगों की खुशी में खुश और उनके दुख में आंसू तक बहाते रहे हैं। 1995 में कुल्लू-मनाली में कुदरती कहर बरपा। चारों ओर तबाही मच गई। घर, खेत-खलिहान सब उजड़ गए। यह मंजर देखकर अटल की आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने प्रभावित गांवों का पैदल दौरा किया और उनका दुख दर्द साँझा किया।