जोगिंद्रनगर : हिंदी दिवस जो हिंदी भाषा को उचित पहचान दिलाने वाला दिन-नवीन कुमार
क्रान्ति सूद। जोगिंद्रनगर
सरस्वती विद्या मंदिर बालकरूपी में आज हिंदी दिवस मनाया गया। हिंदी दिवस के उपलक्ष्य में विद्यालय में विभिन्न कार्यक्रमों भाषण प्रतियोगिता, स्लोगन प्रतियोगिता, कविता एवं मुहावरा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सभी बच्चों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। हिंदी आचार्य रेखा ने हिंदी दिवस के उपलक्ष में हिंदी विषय की उपयोगिता एवं महता को विस्तार पूर्वक बताया। विद्यालय प्रधानाचार्य नवीन कुमार ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी भारत की प्रमुख भाषा है। दुनियाभर में हिंदी भाषा तीसरी सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा है और यह लगभग 80 करोड़ लोगों द्वारा बोली जाती है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1918 में गांधी ने हिंदी साहित्य सम्मेलन में हिंदी भाषा को राष्ट्रभाषा बनाने का प्रस्ताव रखा था और आजादी के 2 वर्ष बाद 14 सितंबर, 1949 को हिंदी भाषा को संविधान सभा में राज्य भाषा बनाने का निर्णय लिया गया। हिंदी को भारतीयों की मातृ भाषा के रूप में स्वीकार किया गया।
उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा को देवनागरी लिपि में भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की धारा 343 (1) में राजभाषा का दर्जा दिया गया है। वर्तमान में लोग धीरे-धीरे हिंदी के स्थान पर अंग्रेजी को व्यवहार में अपनाते जा रहे हैं, जो सर्वथा गलत है हमें हिंदी भाषा का प्रयोग गर्व से करना होगा और हिंदी को अंग्रेजी की जंजीरों से बाहर निकालना होगा। हिंदी भाषा देश को एकता के सूत्र में बांधती है तथा हिंदी भाषा हमारे देश के संस्कारों और संस्कृति का प्रतिबिंब है। उन्होंने कहा कि हिंदी दिवस ऐसा दिन है, जो हिंदी भाषा को उचित पहचान देता है। हिंदी दिवस हिंदी भाषा को विलुप्त होने से बचाने तथा हिंदी भाषा का प्रसार एवं विकास करता है। उन्होंने कहा कि हमें हिंदी भाषा का सम्मान करना चाहिए व इस बात पर गर्व होना चाहिए कि हिंदी आज संपूर्ण विश्व में सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषा में से एक है। अंत में प्रधानाचार्य ने सभी को हिंदी दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।