कुनिहार में होगी हर्बल व स्वदेशी रंगों की होली
मन में लग्न हो और कुछ कर गुजरने का जज्बा तो कोई भी मंजिल असंभव नहीं होती। इस कहावत को सच कर दिखाया है कुनिहार ब्लाक के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने। जो स्वयं सहायता समूह की नाव पर सवार होकर स्वरोजगार अपना रही हैं। और अन्य को भी इसके लिए प्रेरित कर रही हैं। खास बात तो यह है कि इस बार की होली में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं की मेहनत से बनाए गए स्वदेशी व हर्बल रंग अपनी छटा बिखेरेंगे।
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत संचालित होने वाले स्वयं सहायता समूहों ने होली के रंग तैयार करने का कार्य शुरू किया है। कुनिहार ब्लॉक के ग्राम पंचायत हाटकोट में चल रहे रंग बनाने के इस कार्य में क्षेत्र के विभिन्न स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं। स्वयं सहायता समूह जय भारती संगठन हाटकोट की अध्यक्ष की देखरेख में चल रहे इस कार्य में महिलाएं खूब रुचि ले रही हैं। समूह अध्यक्ष का कहना है कि होली का पर्व नजदीक होने के कारण इस समय काफी अधिक मात्रा में होली के रंगों की डिमांड भी आनी शुरू हो गई है।
उन्होंने बताया कि वह महिलाओं को प्रशिक्षण देकर घर पर ही गुलाब, गेंदा जैसे फल व फूलों से शुद्ध, स्वदेशी व हर्बल रंग बनाने के तरीके बता रही हैं। जिससे ग्रामीण महिलाओं को होली के अवसर पर अच्छी आय भी हो सके। महिलाओ ने हरा रंग, हल्दी से पिला रंग एवं चुकंदर से लाल रंग के हजारों पैकेट बनाए है। जिसे होली के मध्यनजर न्यू बस स्टेंड पर स्टाल लगा के हर्बल गुलाल बेचा जाएगा। समूह से संतोष शर्मा, निशा, मीना, संतोष, मीनाक्षी, पूनम ,मीरा, अनीता, पूनम, कांता ,डेजी झांझी, शीला, शांता आदि महिलाओं द्वारा इन रंगों को तैयार किया जा रहा है।