HRTC पैंशनर कल्याण संगठन ने उठाई मांग, लम्बित चिकित्सा बिलों के भुगतान के लिए हो बजट का प्रावधान
HRTC पैंशनर कल्याण संगठन,मण्डी इकाई की आम सभा का आयोजन 22-4-2024 को वरिष्ठ नागरिक भवन में हुआ। सर्व श्री के डी अवस्थी, अनूप कपूर प्रधान, रोशन लाल कटोच महासचिव के साथ अन्य पदाधिकारीयों एवं कार्यकारिणी का चुनाव सर्वसम्मति से किया गया।बैठक में पैंशनरों की समस्याओं पर चर्चा की गई। इस बैठक में सर्व श्री चमन लाल शर्मा, सुरेश चन्द्र, देवी सिंह, चन्द्र सिंह, प्रेम सिंह रावत, बलवन्त सेन ,पवन शर्मा,इत्यादि लगभग 200 पैंशनरों ने भाग लिया।
बैठक में HRTC पैनशरों की प्रमुख समस्यायों व मांगों पर चर्चा हुई। जिसमें में प्रमुखता से 65,70,75 वर्ष के कार्यकाल के पश्चात प्रबंधन द्वारा 5,10,15 % पैंशन बृधि देने के माननीय सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय व ट्रिब्यूनल के पैंशनरों के हित में 8 वर्षों की लम्बी लड़ाई के पश्चात आए फैसले का लाभ केवल न्यायालय में गए। 66 याचिकाकर्ता पैंशनरो को ही जारी करके संविधान के Article 14 के अन्तर्गत समानता के अधिकार का हनन किया है। क्योंकि एक ही संस्थान में समान स्थिति वाले पैंशनरों के लिए अलग-अलग नियम नहीं हो सकते। इस प्रकार प्रबंधन 5000 के लगभग पैंशनरों को पुनः कानुनी पचड़े में डालकर बुजुर्गो को कोर्ट के चक्कर में डालकर प्रताड़ित करने पर आमादा है, जिससे पैशनरों में भारी रोष है और सरकार व प्रबंधन के विरोध मे सड़कों पर धरना प्रदर्शन करने को तैयार हैं।
बैठक में सरकारी पैंशनरों को 2016 से संसोधित वेतनमान, बाकि बचे पैंशन एरियर की एक और अतिरिक्त किस्त के भुगतान की भी घोषणा हो गई है। परन्तु दुर्भाग्यवश परिवहन पैंशनरों को आज दिन तक, पिछली सरकार के समय से लगभग दो वर्षों से लम्बित पहली किस्त रू. 50000/- की अदायगी भी नहीं की गई। अतः HRTC पैंशनर को तुरंत दोनों किस्तों का भुगतान करके न्याय करने की गुहार की गई।
सालों से लम्बित चिकित्सा बिलों का समय पर भुगतान न करने पर रोष प्रकट किया गया।
8-6-22 को पुर्व सरकार के समय टालैन्ड चौक, शिमला में HRTC पैंशनरों कल्याण संगठन द्वारा शान्ति पूर्ण प्रदर्शन के दौरान छोटा शिमला चौकी में पैंशनरों व वरिष्ठ नागरिकों के विरुद्ध दर्ज पिछली सरकार द्वारा बेबुनियाद व भेदभाव पूर्ण FIR को निरस्त किया जाए।
अतः मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री महोदय से निवेदन है प्रबंधन द्वारा पैंशनरों व बुजुर्गो से हो रहे भेदभाव का संज्ञान ले, ताकि व्यर्थ की कानूनी लड़ाई व कोर्ट में लाखों रुपए के खर्चों से बचा जा सके, जो न तो सरकार व न ही पैंशनरों के हित में होगी। अतः न्यायालयों के निर्णय के अन्तर्गत HRTC के बिना भेदभाव के सभी पैंशनरों को इसका तुरंत लाभ दिया जाए व संसोधित वेतनमान के एरियर की लम्बित दो किस्तों का भी तुरन्त भुगतान किया जाए, अन्यथा संगठन को अन्याय व भेदभावपूर्ण व्यवहार के विरोध में सड़कों पर उतर कर आन्दोलन करने पर विवश होना पड़ेगा, जबकि संगठन सरकार व प्रबंधन से सौहार्दपूर्ण सम्बन्ध का पक्षधर है।