कमल या हाथ, निर्दलीय किसके साथ ?
*लोकसभा चुनाव में किसका साथ देंगे निर्दलीय ?
*विधानसभा चुनाव में 'कमल' और 'हाथ' दोनों पर पड़े थे भारी
2019 में नालागढ़ से भाजपा को मिली थी रिकॉर्ड बढ़त
होशियारी से कदम बढ़ा रहे होशियार सिंह
आशीष को मिल रहा सरकार का आशीष !
लोकसभा चुनाव की बिसात, यहाँ कौन किसके साथ ...होशियार सिंह, केएल ठाकुर और आशीष शर्मा...ये वो तीन नाम है जो विधानसभा चुनाव में 'कमल' और 'हाथ' दोनों पर भारी पड़े थे। तीनों की अपनी मजबूत सियासी जमीन और तीनों ही 'इन डिमांड'। जाहिर है 2024 के लोकसभा चुनाव में इन तीनों की जरूरत भाजपा को भी होगी और कांग्रेस को भी। प्रदेश में सत्ता ही नहीं राजनैतिक समीकरण भी तेजी से बदले है और ऐसे में ये तीनों हाथ थामते है या कमल को मजबूत करते है, ये देखना रोचक होगा।
बात 2019 से शुरू करते है। हिमाचल में चार संसदीय क्षेत्र है और हर संसदीय क्षेत्र के तहत 17 विधानसभा क्षेत्र आते है। इन सभी 68 विधानसभा हलकों में तब भाजपा को लीड मिली थी और प्रदेश में सबसे ज्यादा लीड मिली थी शिमला संसदीय क्षेत्र में आने वाले नालागढ़ से और मार्जिन था 39970 वोट का। नालागढ़ में पार्टी का चेहरा थे केएल ठाकुर।
हालाँकि भाजपा से सियासी भूल हुई और केएल ठाकुर को विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाया गया। ठाकुर निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़े भी और जीते भी और जीत का अंतर रहा 13264 वोट। आंकड़े बताते है कि केएल ठाकुर किस कदर दोनों सियासी दलों के लिए जरूरी है।
दूसरा निर्दलीय चेहरा है देहरा विधायक होशियार सिंह। देहरा हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में आता है। होशियार सिंह लगातार दो बार निर्दलीय जीतकर साबित कर चुके है कि उन्हें पार्टी सिंबल से ख़ास फर्क नहीं पड़ता। हालांकि जयराम राज में उनका झुकाव भाजपा की तरफ था। अक्सर मंच से जयराम ठाकुर की शाम में कसीदे भी पढ़ते थे। फिर जयराम इन्हे भाजपा में ले गए लेकिन टिकट न दिलवा सके। होशियार फिर निर्दलीय लड़े और जीते भी। त्रिकोणीय मुकाबले में अंतर रहा 3877 वोट का। 2019 में होशियार सिंह का झुकाव भाजपा की तरफ था और देहरा में भाजपा की लीड मिली 26665 वोट की।
इसी हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की हमीरपुर सीट से इस बार निर्दलीय चुनाव जीते है आशीष शर्मा। कहते है कभी भाजपा की तरफ झुकाव था, फिर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का टिकट ले आएं और फिर लौटा भी दिया। आखिरकार निर्दलीय लड़े और 12899 के बड़े अंतर से जीतकर अपना लोहा मनवा लिया। यानी हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के 17 निर्वाचन हलकों में दो निर्दलीय विधायक है और दोनों दमदार। जाहिर है ये दोनों गेम चंगेर सिद्ध हो सकते है।
ये तो बात हुई तीनों निर्दलीय विधायकों की सियासी ताकत की जिसका अहसास कांग्रेस और भाजपा दोनों को होना लाजमी है। बहरहाल असल सवाल ये है कि ये निर्दलीय लोकसभा चुनाव में किसका साथ देंगे ? क्या प्रदेश में कांग्रेस सरकार होने के चलते ये कांग्रेस के पक्ष में काम करेंगे या भाजपा से पुराना नाता इन्हें उस तरफ ले जायेगा। खबर दरअसल ये ही है।
केएल ठाकुर अब तक अपने पत्ते नहीं खोल रहे है। पर माहिर मानते है की कमान यदि कुछ विशेष चेहरों के हाथ में रही तो ठाकुर के तेवर भाजपा के लिए तल्ख़ ही रहने वाले है।
उधर केएल ठाकुर अक्सर सीएम सुक्खू का साथ देने की बात करते रहे है। ठाकुर कहते है की क्षेत्र के विकास को सरकार का साथ जरूरी है। बात कांग्रेस की करें तो नालागढ़ में दो चुनाव हार चुके हरदीप बावा हिमाचल कांग्रेस के एक गुट के करीबी भी है। ऐसे में यहाँ कांग्रेस में भी अभी सियासी पैंतरेबाजी देखने को मिल सकती है। संभव है कि ठाकुर का ऐतिबार सीएम सुक्खू पर बरकार रहे और लोकसभा में भी वे कांग्रेस के रंग में दिखे। ऐसा होता है तो आगे कांग्रेस के भीतर भी बहुत कुछ होना तय मानिये !
वहीँ होशियार सिंह खुलकर कई बार अनुराग ठाकुर के खिलाफ बोलते रहे है। ऐसे में होशियार क्या लोकसभा चुनाव में भाजपा का साथ देंगे, ये बड़ा सवाल है। होशियार का तालमेल सीएम सुक्खू के साथ भी बेहतर दिखता है और मुमकिन है कांग्रेस उन्हें साधने में कामयाब हो। हालांकि होशियार होशियारी से कदम बढ़ा रहे है फिलवक्त उनका कहना है कि न कांग्रेस और न भाजपा, नोटा जिंदाबाद। आगे स्थिति - परिस्थिति अनुसार फैसला लेंगे और समर्थक जो कहेंगे वो ही होगा।
हमीरपुर विधायक आशीष शर्मा की बात करें तो आशीष पर प्रदेश सरकार का आशीष बना हुआ दिख रहा है। माहिर मानते है कि भाजपा में कोई बड़ा सियासी उलटफेर नहीं हुआ तो आशीष कांग्रेस का साथ दे सकते है। सीएम सुक्खू भी हमीरपुर जिला से है और जाहिर है उन्हें भी इल्म है कि आशीष लोकसभा चुनाव में मददगार सिद्ध हो सकते है। ऐसे में आशीष को साधने में वे भी संभवतः कोई कसर न रखे। हालांकि आशीष ने भी अभी पत्ते नहीं खोले है, लेकिन कांग्रेस की तरफ उनका कुछ झुकाव ज़रूर नज़र आता है।
अब ये तीनों इन डिमांड नेता किसके साथ जाते है ये तो आने वाला वक़्त ही तय करेगा, फ़िलहाल तो वेट एंड वॉच की स्थिति बनी हुई है।