इंदौरा: राजकीय महाविद्यालय में लैंगिक समानता पर कार्यक्रम हुआ आयोजित
राजकीय महाविद्यालय में इंदौरा कि महिला आयोग की अध्यक्षा प्रो रेखा पठानिया के द्वारा भाषण दिया गया। उन्होंने कहा कि भारत में लैंगिक समानता को विस्तृत करने के लिए शिक्षा, संस्कृति की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्राचीन समाज पुरूष प्रधान समाज था जिसमें स्त्री और पुरुषों में भेदभाव किया जाता था। महिला वर्ग घर की दहलीज को पार नहीं कर सकती थी। पंरतु आज कल शिक्षा के माध्यम से महिलाये इतनी जागरुक है कि वह पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य करती है। भ्रूण हत्या, तलाक, यौन शिक्षा, बाल विवाह और दहेज प्रथा का पूर्ण उन्मूलन किया गया है। समानता का अधिकार प्राप्त है। 50% महिलाओं को आरक्षण दिया गया हैं। स्कूलों, महाविद्यालयों में भाषण प्रतियोगिताएं, सेमिनार इत्यादि रखे जाते है ताकि भेदभाव को पूर्ण रूप से मिटाया जाए। अब तृतीय लिंग को भी समानता दी गई है। हम सब को मिल कर दृढ़संकल्प लेना चाहिए कि लैंगिक असमानता को दूर करने के लिए भारत का प्रत्येक व्यक्ति यथा संभव प्रयास करे, और संपूर्ण भारत उन्नति की ओर अग्रसर हो।