इन्दौरा: खनन माफिया पर कार्रवाई के नाम पर हो रही है खानापूर्ति
इंदौरा क्षेत्र अवैध खनन के मामले में काफी चर्चा में है। इंदौरा में बहती ब्यास नदी व चक्की दरिया का खनन माफिया द्वारा बेख़ौफ़ होकर सीना छलनी किया जा रहा है। यहाँ तक की आस्था का प्रतीक ठाकुर राम गोपाल मंदिर की सैकड़ों कनाल भूमि को खनन माफिया द्वारा निगल लिया है और अवैध खनन अभी भी जोरो पर है। कोई बड़ी कार्यवाही आज तक नहीं हुई है। अब तो क्षेत्र का खनन माफिया सरकारी वन संपदा को भी लूटकर रातों रात अमीर बन रहा है। थपकौर नाला, गगवाल, लोध्वा, भदरोया ओर डैकवां आदि एरिया में स्थानीय खनन माफिया द्वारा वन विभाग की भूमि पर दिन दिहाड़े पीला पंजा चलाकर और पहाड़ो की मिट्टी का खनन कर उसे ट्रैक्टर ट्रॉलियों में भरकर रोजाना दर्जनों ट्रॉलियों को पठानकोट ले जाकर महंगे दामों पर बेच रहा है। यह सब अवैध कार्य वन विभाग व खनन विभाग के फील्ड कर्मचारियों की मिलीभगत से हो रहा है। जब कभी कभार अवैध खनन की खबर मीडिया में उजागर होती है तो मात्र एक दो दिन ही दोनो विभाग नींद से जागते है और कार्यवाही के नाम पर मात्र एक आद मिट्टी से भरे ट्रैक्टर का एक हल्का सा चालान कर पल्ला जाड़ लेते है। अगर कभी कभार कार्यवाही की बात करे तो जब उनको कोई ट्राली मिट्टी से भरी हुई मिलती है तो उनकी इस खनन माफिया के आगे इतनी हिम्मत नही होती के वो इनके चालान काट सके। पकड़ी गई ट्रॉली चालान करने की बजाए ट्रैक्टर चालको से रोड किनारे मिट्टी के ढेर लगवाकर उनको छोड़ देते है और उसी समय वही ट्रैक्टर चालक फिर खनन कर मिट्टी को पठानकोट ले जाना शुरू कर देते है। वही स्थानीय लोगों ने दोनों विभागों पर आरोप जड़ते हुए कहा कि दोनों विभागों की मिलीभगत से ही वन संपदा लूटी जा रही है।