इन्दौरा: पंचायत द्वारा बनी पुलिया 15 दिन में ही टूटी, मनरेगा लोकपाल ने लगाया जुर्माना
प्रदेश सरकार भले ही भ्रष्टाचार मुक्त का नारा देकर प्रदेश के बेहतर निर्माण में निरंतर प्रयासरत है। लेकिन एक अनोखा मामला विधान सभा इंदौरा की पंचायत डैक्वां में देखने को मिला है। यहां मनरेगा विभाग ने सरकारी कर्मचारी सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर 1,66,319 रुपये जुर्माना निर्माण कार्य में घटिया सामग्री व काम में कोताही बरतने पर लगाया है। इन सभी को जुर्माने की अदायगी करने का नोटिस भी जारी किया गया है। ग्राम पंचायत डैक्वां के प्रधान पूर्णचंद, उप प्रधान सतीश कुमार, पंचायत सचिव सीमा देवी, जेई अभिषेक धीमान, ब्लाक इंदौरा पंचायत डैक्वां ग्राम सेवक हरदीप सिंह, पंचायत डैक्वां ग्राम सेवक विक्रम सिंह आदि जिम्मेदार पाए गए हैं।
क्या था मामला ?
बता दें पंचायत डैक्वां में राखें मनकोटिया मोहल्ले में मनरेगा के तहत एक पुलिया का निर्माण किया जा रहा था, इसकी लागत करीब 6,00,000 रुपये थी। जिसमें मनरेगा फंड 1,85,000 रुपये जिला परिषद फंड के तहत 2,00,000 रुपये डीसी फंड के तहत 2,00,000 मंजूर हुए थे। इस कार्य में कोताही बरतने का आरोप है। पुलिया के निर्माण कार्य में घटिया सामग्री व काम में कोताही बरतने पर गांव वासियों ने इसका विरोध किया था। पुलिया बनाने वाले को सही मापदंड से निर्माण सामग्री लगाने के लिए कहा गया था। लेकिन वे नहीं माना और पुलिया का निर्माण उसी मापदंड की सामग्री से करता रहा। जिस कारण स्थानीय निवासी प्रशांत सिंह बंदराल इसकी शिकायत विकास खंड अधिकारी इंदौरा को की थी। लेकिन शिकायत का निर्माण करने वाले पर कोई असर नहीं हुआ। 15 दिन बाद पहली बरसात के कारण निर्माण की गई पुलिया टूट गई। विकास खंड अधिकारी ने मौके का जायजा लेकर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने का लोगों को आश्वासन दिया था। मनरेगा लोकपाल ने एक कमेटी गठित की, जो पंचायत डैक्वां में टूटी पुलिया का निरीक्षण करने पहुंची। निरीक्षण करने के बाद मनरेगा लोकपाल ने इसमें छह आरोपितों को इस काम में जिम्मेदार ठहराया है। मनरेगा लोकपाल की चेयरमैन अंजला कुमारी बालिया ने 1,66,319 रुपये का जुर्माना लगाकर इन सभी को रिकवरी नोटिस डाले गए हैं।