संगड़ाह: नहीं रहे सिरमौरी लोक तालों के महारथी कहलाने वाले जोगिंद्र धीमान
फर्स्ट वर्डिक्ट। संगड़ाह
सिरमौरी लोक तालों के महारथी कहे जाने वाले उपमंडल संगड़ाह के अंधेरी गांव के लोक कलाकार जोगिंद्र धीमान का लंबी बिमारी के बाद देहांत हो गया। परिजनों व ग्रामिणों ने बताया कि पिछले काफी अरसे से वह केंसर से जूझ रहे थे और वीरवार को चंडीगढ़ के एक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। शुक्रवार को भारी हिमपात के बीच पैतृक गांव अंधेरी में उनके अंतिम संस्कार में काफी लोगाें ने शिरकती की। जोगेंद्र धीमान को सिरमौरी लोक तालों, दमेनू, ढोलक व शहनाई वादक के लिए भी जाना जाता है। बिशु मेलों, हिमाचल के विभिन्न शादी समारोह व धार्मिक उत्सवों मे भी उनका वाद्य दल खूब वाहवाही लूटता था। अंतरराष्ट्रीय मेला रेणुकाजी में वाद्ययंत्र प्रतियोगिता में कई बार उनका महाकाली दल प्रथम रहा। इतना ही नहीं अप्रैल, 2012 में हिमाचल भाषा अकादमी द्वारा उनकी सिरमौरी लोक तालों व देव धुनों का वीडियो सीडी अथवा डोक्युमेंटेशन तैनार करवाया गया था। उक्त प्रलेखन तैयार करने वाले अकादमी के तत्कालीन सचिव डॉ. तुलसी रमण व जनसंपर्क विभाग के पूर्व उपनिदेशक एंव बीडीसी संगड़ाह के अध्यक्ष मेलाराम शर्मा ने बताया कि, उन्हें जन्म, विवाह, बियादड़ी, गोई रा बाणा, जागरा, नौबत, परशुराम नौबत व बीशू जंग बाजा सहित लगभग सभी प्राचीन सिरमौरी लोक तालों की बेहतरीन जानकारी थी। उक्त तालों को वह दमेनू, ढोल व शहनाई आदि पर प्रस्तुत करते थे। जोगेंद्र महाकाली सांस्कृतिक दल अंधेरी के अध्यक्ष थे और देश हिस्सों मे प्रस्तुतियां देने के साथ-साथ वह कईं हिमाचली लोक गायकों के एलबम में ढोल व शहनाई बजा चुके हैं। इनकी लोक धुनों पर संगीत के कई छात्र शोध कर चुके हैं। उनकी लोक धुने आज भी विभिन्न आडियो विडिओ मे जिंदा है। अंधेरी पंचायत के पूर्व प्रधान जगत सिंह ठाकुर व बलबीर ठाकुर, लोक गायक दिनेश शर्मा व प्रो. रवि, साहित्यकार दलीप वशिष्ठ तथा भाजपा नेता बलबीर चौहान आदि ने उनके निधन पर गहरी सवेंदना जताई।