जोगिंदर नगर :शिकायत पत्र में गिनाई गई प्रशासन की कई खामियां
कोरोना महामारी को चलते उपमंडलाधिकारी नागरिक जोगिन्दर नगर द्वारा कोरोना टेस्ट को लेकर शिकायत पत्र सौंपा गया। जोगिंदर नगर नप उपाध्यक्ष अजय धरवाल द्वारा हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव और जिलाधीश मंडी को ईमेल के माध्यम से शिकायत पत्र भेजा गया है। जिस में मुख्यसचिव हिमाचल प्रदेश व जिलाधीश मंडी के ध्यान में लाया गया कि सिविल अस्पताल जोगिन्दर नगर में बिना आधार कार्ड नंबर लिए कोरोना के टेस्ट किये जा रहे हैं। जिस से किये गए टेस्ट की विश्वसनीयता पर प्रशन चिन्ह लग जाता है कि टेस्ट रिपोर्ट उसी व्यक्ति की है या नहीं। इसी तरह सिविल अस्पताल में जब भी कोई व्यक्ति टेस्ट करवाने के बाद पॉजिटिव आता है तो उसे अपने घर तक पहुंचाने के लिए वाहन की कोई व्यवस्था नहीं कि गई है। स्थानीय टैक्सी ड्राइवर उस संकृमित व्यक्ति को ले जाने को इनकार करते हैं,तो उस पॉजिटिव आये व्यक्ति को मजबूरन पैदल अथवा बस में अपने घर जाना पड़ता है। जिस से संक्रमण फैलने का अंदेशा सदा बना रहता है। गैरतलब है कि जोगिन्दर नगर सिविल अस्पताल में लगभग 35 km दूर तक के व्यक्ति निर्भर करते हैं। वहीं जोगिन्दर नगर उपमंडल में कोरोना संक्रमित व्यक्ति की मृत्यु होने पर नगर परिषद जोगिन्दर नगर के वार्ड 1 में स्थित शमशानघाट में अन्तिम संस्कार किया जा रहा है। यह शमशान घाट घनी आबादी से बस लगभग 1oo फुट की दूरी पर है। जिस से हमेशा संक्रमण फैलने का अंदेशा बना रहता है। जितनी मर्तबा भी कोरोना संकृमित व्यक्तियों की मृत्यु हुई है उस के अन्तिमसंस्कार के समय किसी भी अधिकारी के मौजूद रहने के आदेश नहीं किये गए हैं। जिससे इस बात का भी पता नहीं चल रहा कि वहां कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार हो रहा है या नहीं। शिकायत पत्र में कहा गया है कि नगर परिषद जोगिन्दर नगर के द्वारा मांग करने पर भी अभी तक कोरोना संक्रमितों का रोज मर्रा के कूड़े के निष्पादन को जगह मुहैया नहीं करवाई गयी है।
जोगिन्दर नगर उपमंडल के तहत सभी चुने हुए प्रतिनिधियों को उनके क्षेत्र में आये पॉजिटिव व्यक्तियों की सूची प्रतिदिन उप्लब्ध नहीं करवाई जा रही है, जिस कारण इन सभी पंचायत प्रतिनिधियों को पॉजिटिव आये व्यक्तियों की आइसोलेशन के दौरान मदद करने का जो सरकार का आदेश है उस की पालना करना मुश्किल हो रहा है। नगर परिषद के प्रतिनिधियों को सिर्फ दो दिन पूर्व से संक्रमित व्यक्तियों की सूची बार बार निवेदन करने के पश्चात उपलब्ध करवायी जा रही है। इतना ही नहीं पॉजिटिव आये व्यक्तियों को न ऑक्सओमीटर उपलब्ध करवाए जा रहे हैं न ही समय पर जरूरी दवायें। उल्टा टीकाकरण का जो अभियान चला है उस में संक्रमित होने का अधिक खतरा हो गया है क्यों कि टीका लगाने के बाद टीकाकरण करने वाले के द्वारा अपने हाथ सेनेटाइज किये बिना अगले व्यक्ति को टिका लगाया जा रहा है। इसी तरह जिस कुर्सी पर टीकाकरण करने के लिए व्यक्ति को बिठाया जा रहा है उसे एक व्यक्ति की बारी होने के बाद सेनेटाइज नहीं किया जा रहा है। जिस से संक्रमण फैलने का अंदेशा बना रहता है। साथ ही टीकाकरण से पहले सभी व्यक्तियों का तापमान भी नहीं मापा जा रहा है।