जोगिन्दरनगर: जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज ज्योति को न्याय दिलाने की मांग को ले कर करेंगे उपवास
पिछले कुछ दिनों से प्रकाश में आए ज्योति ख़ुदकुशी या हत्या मामले में किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष तथा जिला परिषद सदस्य कुशाल भारद्वाज द्वारा 14 सितम्बर को किए जाने वाले सामूहिक उपवास में हजारों लोगों के शामिल होने का अनुमान है। भराड़ू पंचायत की गड़ूही गाँव की ज्योति की पति के साथ हुई कथित कहासूनी के बाद गुमशुदगी मामले में पूरी सच्चाई सामने, केस की हर पहलू से जांच करने तथा दोषियों को कानूनन कड़ी सजा दिलवाने के लिए सबसे पहले इंसाफ का झण्डा बुलंद करने वाले किसान नेता एवं जिला परिषद के सदस्य कुशाल भारद्वाज ने एक और बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि ज्योति की लाश जंगल में गली सड़ी हालत में मिलने के बाद उनके पति की गिरफ्तारी के बाद अब सारी निगाहें फोरेंसिक जांच की रिपोर्ट के इंतजार में हैं। जिससे इस केस से जुड़े कई रहस्यों से पर्दा उठ सकता है। यह बात उल्लेखनीय है कि कुशाल भारद्वाज के समझाने पर ही ज्योति के परिजनों ने शव को ससुराल के आँगन में जलाने की योजना को बदल दिया।
कुशाल भारद्वाज ने आज ऐलान किया कि केस की जांच प्रक्रिया तेज करने, ज्योति को इंसाफ दिलाने, सभी असली गुनाहगारों को कानूनन गिरफ्तार करने तथा उन्हें सजा दिलाने के लिए वे मंगलवार 14 सितंबर को जोगिंदर नगर में महात्मा गाँधी की प्रतिमा के सामने उपवास पर बैठेंगे। इस मौके पर ज्योति के माता-पिता, रिश्तेदार, अन्य शुभचिंतक तथा भराडू क्षेत्र के लोग भी इंसाफ की लड़ाई में साथ होंगे। 14 सितंबर को सुबह 10 बजे रामलीला मैदान में इकट्ठे होने के बाद वे लोकतांत्रिक तरीके से एक विशाल जलूस लेकर थाने के सामने गांधी की प्रतिमा के सामने सामूहिक उपवास करेंगे। इसके बाद पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक भी की जाएगी तथा यह पता लगाया जाएगा कि अभी तक इस केस की जांच बारे कितनी प्रगति हुई है। यदि कोई संतोषजनक प्रगति नजर नहीं आई तो उसी दिन संघर्ष के अगले चरण की घोषणा भी की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह घटना पूरे इलाके और जोगिंदरनगर विधान सभा क्षेत्र को शर्मसार करने वाली घटना है और इंसाफ की इस लड़ाई को हम आखिरी सांस तक लड़ेंगे। ज्योति के माता-पिता व अन्य परिजनों ने ही कहा था कि जो भी तारीख अगले संघर्ष की आप तय करेंगे उसमें हम सब शामिल हो जाएँगे। असली गुनाहगार कौन है और कितने हैं इसका पता लगाना और गुनाहगारों को सजा दिलवाने के लिए साक्ष्य जुटाना पुलिस का काम है।