जयसिंहपुर : कंवर दुर्गा चंद को हासिल है संत का मुकाम
बीजापुर में साधारण मकान में रहते थे 50 वर्षों तक राजनीतिक में रहने वाले
नरेंद्र डाेगरा। जयसिंहपुर
स्वर्गीय कंवर दुर्गा चंद 24 सितंबर1922 को बीजापुर रियासत के राजपरिवार में मियां देवी चंद के घर पैदा हुए थे। हिमाचल प्रदेश की राजनीति में कंवर दुर्गा चंद को संत का मुकाम हासिल है। राजसी परिवार में जन्म लेने के बावजूद उन्होंने अपनी जिंदगी एक संत की तरह जी और जीवन भर हिमाचल व लोगों की सेवा में जुटे रहे। कंवर दुर्गा चंद को सेवाभाव विरासत में का जज्बा विरासत में मिला था, उनके पिता मिया देवी चंद भी हमेशा अपनी रियासत के लोगों की सेवा में हमेशा जूट रहते थे। 10वीं तक की शिक्षा जयसिंहपुर व लंबागांव स्कूल में ग्रहण करने के बाद उन्होंने मैट्रिक, मिशन स्कूल पालमपुर से की। 1942 में कंवर दुर्गा चंद ने लाहौर के डीएवी कॉलेज से ग्रेजुएशन की।
लाहौर में पढ़ाई के दौरान ही कंवर दुर्गा चंद ने वहां रह रहे कांगड़ा के लोगों के साथ मिलकर सेवा समिति नाम की सामाजिक संस्था बनाई। सेवा समिति ने सामाजिक कार्यों के साथ कांगड़ा व लाहौर में लड़कियों के लिए स्कूल खोले। लाहौर में पढ़ाई करते हुए आजादी की लड़ाई के दौरान, अंग्रेजों के खिलाफ भी वह आगे रहते थे। हिमाचल में जनसंघ (वर्तमान में बीजेपी) के संस्थापक सदस्यों में से एक दुर्गा चंद 1951 में जनसंघ के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। 1992 में उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। पूर्व सीएम शांता कुमार के राजनीतिक गुरु कहलाए जाने कंवर दुर्गा चंद पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर, पूर्व उप प्रधानमंत्री देवी लाल, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार और वीरभद्र के काफी करीबी थे और उन्हें यह सब काफी मान समान देते थे।