हिमाचल : 15 अगस्त को आशा में बदल सकती है 19000 अनुबंध कर्मचारियों की निराशा
2017 में भाजपा के सत्तासीन होने से पहले भाजपा द्वारा अपने चुनावी घोषणा पत्र में अनुबंध कार्यकाल को 2 वर्ष करने के वायदे को अभी तक भी अमलीजामा पहनाने में जयराम सरकार कामयाब नहीं हो पाई है l सरकार के ढुलमुल रवैये के चलते प्रदेश के अनुबंध कर्मचारी भाजपा सरकार से स्वयं को ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं l अनुबंध कर्मचारी महासंघ की जिला और राज्य कार्यकारिणी के सदस्य राजधानी शिमला समेत प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, विभिन्न कैबिनेट स्तर के मंत्रियों तथा भाजपा के सभी विधायकों से इस मांग को पूरा करने के लिए गत 3 वर्षों से मिल रहे हैं, और हर बार अनुबंध कर्मचारियों को सरकार की ओर से आश्वासन ही मिलता रहा है l मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किसी बड़े कार्यक्रम में अनुबंध कार्यकाल को घटाने की घोषणा करने का वायदा महासंघ के प्रतिनिधिमंडल से पहले भी किया था, परंतु 25 जनवरी, हिमाचल प्रदेश का बजट तथा 15 अप्रैल का ऐतिहासिक दिन बीत जाने के बावजूद भी 19000 कर्मचारियों की इस मांग को पिछले साढ़े तीन वर्षों से अमलीजामा न पहनाने के चलते कर्मचारियों में खासा रोष व्याप्त हो रहा है।
इसी संबंध में हिमाचल प्रदेश सर्व अनुबंध कर्मचारी महासंघ की राज्य कार्यकारिणी का प्रतिनिधिमंडल शिमला में राज्य कार्यकारिणी उपाध्यक्ष सुनील कुमार शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय पटियाल, महासचिव सुरेंद्र कुमार नड्डा, उपाध्यक्ष संदीप शर्मा, बल्ह विधायक इंद्र सिंह गांधी की अध्यक्षता में शिमला ओक ओवर में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिला और एक सूत्रीय मांग अनुबंध काल को 3 साल से घटाकर 2 साल करने संबंधित ज्ञापन मुख्यमंत्री को सौंपा। मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही अनुबंध काल को 3 साल से घटाकर 2 साल किया जाएगा। साथ में राज्य कार्यकारिणी का प्रतिनिधिमंडल स्वास्थ्य मंत्री राजीव सेहजल, शिक्षा मंत्री गोविन्द ठाकुर और शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज से मिला और सभी मंत्रियों को अनुबंध को 3 साल से घटाकर 2 साल करने संबंधित ज्ञापन सौंपा गया।
अनुबंध कर्मचारी महासंघ के राज्य कार्यकारिणी वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय पटियाल, उपाध्यक्ष सुनील कुमार शर्मा तथा महासचिव सुरेंद्र कुमार नड्डा ने बताया कि 2018 में जो अनुबंध कर्मचारी सरकार के द्वारा लगाए गए वह अपना 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर मार्च 2021 में नियमित हो चुके हैं, अतः सरकार द्वारा भविष्य में अनुबंध कार्यकाल घटाने का फैसला लेना इन 4000 के लगभग नियमित हो चुके कर्मचारियों के लिए निरर्थक होगा। वर्तमान में यदि सरकार शीघ्र अति शीघ्र अनुबंध कार्यकाल को घटाने का निर्णय लेती है तो इससे जनवरी 2019 से लेकर मार्च 2020 तक जितनी भी नियुक्तियां हुई हैं वह कर्मचारी लाभान्वित होंगे।