आखिर नहीं हो पाई जेसीसी, टूटी अनुबंध कर्मचारियों की आस
आखिरकार उम्मीद टूट गई। कड़े यतन के बावजूद भी अनुबंध काल कम करने की कर्मचारियों की एक प्रमुख मांग को सरकार समय रहते पूरा नहीं कर पाई। कर्मचारियों को 25 सितम्बर को प्रस्तावित जेसीसी से उम्मीद थी लेकिन केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के दौरे के चलते पहले सरकार ने जेसीसी टाल दी। इस पर हाल ही में उपचुनाव की घोषणा होने के बाद अनुबंध कर्मचारियों की रही सही उम्मीद भी टूट गई। दरअसल अनुबंध कर्मचारी लगातार सरकार से जेसीसी की बैठक 30 सितम्बर से पहले करवाने की मांग कर रहे थे ताकि हर अनुबंध कर्मचारी को इसका लाभ मिल सके, परन्तु ऐसा नहीं हो पाया। कर्मचारी पिछले लम्बे समय से अनुबंध काल तीन से घटाकर दो साल करने की मांग कर रहे है। अनुबंध कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए सरकार ने 30 सितंबर और 31 मार्च की तिथियां निर्धारित की है। ऐसे में यदि 30 तारीख से पहले जेसीसी हो पाती और अनुबंध काल को घटाया जाता तो 30 मार्च को नियमित होने वाले कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिल पाता।
हिमाचल प्रदेश सर्व अनुबंध कर्मचारी महासंघ का कहना है कि भाजपा द्वारा हिमाचल में सत्ता में आने से पहले और आने के बाद अनुबंध कार्यकाल घटाकर 3 वर्ष से 2 वर्ष करने के लिए किए गए वादे को सरकार आज तक पूरा नहीं कर पाई है। सरकार को सत्ता में आए 4 साल बीत गए परन्तु मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर आज तक अनुबंध कर्मचारियों के हित में ये फैसला नहीं ले पाए। लगातार 4 वर्षों से मुख्यमंत्री के आश्वासन के झूले पे झूलते विभिन्न विभागों में कार्यरत 19 हजार से ज्यादा अनुबंध कर्मचारियों में रोष है ल सर्व अनुबंध कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों का कहना है कि महासंघ की राज्य कार्यकारिणी एवं जिला कार्यकारिणियों के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने मुख्यमंत्री, विभिन्न विभागों के मंत्रियों एवं स्थानीय विधायकों को विभिन्न स्थानों पर 2 वर्ष अनुबंध काल करने के लिए कई ज्ञापन सौंपे है। उन्हें हर जगह से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली और आश्वासन दिया गया कि मांग को जल्द ही सरकार पूरा करेगी मगर आज तक सरकार ये मांग पूरा नहीं कर पाई है।
महासंघ का कहना है कि अगस्त महीने में भी महासंघ की राज्य कार्यकारिणी की ओर से महासचिव सुरेंद्र नड्डा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय पटियाल, उपाध्यक्ष सुनील शर्मा, उपाध्यक्ष संदीप शर्मा एवं वित्त सचिव अविनाश सैनी ने मुख्यमंत्री सहित कैबिनेट मंत्री सुरेश भारद्वाज, महेंद्र सिंह ठाकुर, गोविंद सिंह ठाकुर, राजीव सैजल, वीरेंद्र कंवर, मुख्य वित्त सचिव प्रबोध सक्सेना, हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अश्विनी ठाकुर, हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष भूपेंदर सिंह, एवं महासचिव महेश शर्मा को शिमला में एवं अराजपत्रित महासंघ के महासचिव राजेश शर्मा को जिला मण्डी में ज्ञापन दिए और विस्तार पूर्वक बताया की अनुबंध कर्मचारियों के लिए 30 सितंबर 2021 एक महत्वपूर्ण तिथि है। अगर 30 सितंबर से पहले पहले अधिसूचना होती है, तो अधिकतम कर्मचारी लाभान्वित होंगे परंतु अगर 30 सितंबर से पहले अधिसूचना नहीं होती है तो हज़ारों अनुबंध कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा।
उपचुनाव में भुगतना होगा खामियाजा : अरुण
सर्व अनुबंध कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अरुण भरद्वाज का कहना है की मांग समय से पूरी न होने के चलते अनुबंध कर्मचारियों में रोष है। सरकार की देरी के चलते कर्मचारियों को नुक्सान झेलना पड़ा है। आज समस्त अनुबंध कर्मचारी ठगा सा महसूस कर रहे है। हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की तरफ से जेसीसी मीटिंग में मांगी गई संभावित पांच मांगों में हमारी मांग पहली तीन मांगों में शामिल की गई थी। लगभग सभी विभागों द्वारा दिए गए मांग पत्र में हमारी मांग को प्रमुखता से शामिल किया गया। प्रदेश का हर कर्मचारी हमारे साथ है। यदि सरकार ने अब हमारी मांग पूरी नहीं की तो ये आंदोलन और तेज़ होगा। आगामी उपचुनाव में भी सरकार को इसका खामियाजा भुगतना होगा।