सीएम के हस्तक्षेप के बाद डॉक्टरों ने वापस ली पेन डाउन स्ट्राइक
डॉक्टरों की पेन डाउन स्ट्राइक रंग लाई है और सरकार ने डॉक्टरों की लंबित मांगें मान ली है। अब हिमाचल प्रदेश में डॉक्टरों की नियमित भर्तियां साल में दो बार कमीशन के तहत होगी और हर वर्ष डॉक्टरों के लिए पर्याप्त भर्तियां निकाली जाएंगी। डॉक्टर एसोसिएशन की विधानसभा में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ दो घंटे तक बैठक हुई, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री राजीव सैजल, मुख्य सचिव, वित्त सचिव, स्वास्थ्य सचिव भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों की मांगों को तसाली से सुना भी और अधिकारियों को उनको पूर्ण करने के निर्देश भी दिए। खुद मुख्यमंत्री से सकरात्मक आश्वासन मिला तो डॉक्टरों ने भी पेन डाउन हड़ताल स्थगित कर दी। अब जल्द अनुबंध पर लगे डॉक्टरों के लिए नॉन प्रैक्टिस एलाउंस (एनपीए) की अधिसूचना भी जल्द जारी की जाएगी। वहीं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के हस्तक्षेप के बाद डॉक्टरों की मांगों पर एक कमेटी का गठन किया गया है। यह कमेटी स्वास्थ्य सचिव की अध्यक्षता में बनाई गई है। इस कमेटी में 12 लोग है, मेडिकल ऑफिसर संघ के पांच प्रतिनिधि भी शामिल है। कमेटी को दो महीने के अंदर रिपोर्ट सरकार को सौंपनी होगी। इसके बाद सरकार की ओर से अगला कदम उठाया जाएगा। एसोसिएशन अध्यक्ष डॉ. राजेश सूद ने कहा कि दो महीने के भीतर मांगें पूरी नहीं होती हैं तो संघर्ष दोबारा शुरू होगा।
एसोसिएशन महासचिव पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा कि वेतन की सीलिंग को 2.18 लाख से बढ़ाकर 2,24,100 रुपये करने पर सहमति बन गई है। 20 फीसदी नॉन प्रैक्टिसिंग अलाउंस भी 1 जनवरी 2022 से लागू होगा और इसे एनपीए को बेसिक का हिस्सा मानने पर सहमति बनी है। 4-9-14 पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकी अधिसूचना जल्द जारी होगी। चिकित्सकों का विशेषज्ञ भत्ता बढ़ाने, मेडिकल कॉलेज में काम कर रहे डॉक्टरों के लिए एकेडमिक भत्ते पर भी सहमति बनी है। कमेटी अपनी सिफारिशें आठ सप्ताह में पेश करेगी।