अरदास: हमें भी सरकारी कर्मचारी घोषित करो सरकार
प्रदेश में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने एक स्वर में उन्हें सरकारी कर्मचारी घोषित करने की मांग की है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से काम तो सभी विभाग लेते हैं, पर उन्हें कभी भी वक्त पर उसका मानदेय नहीं मिलता। उन्हें मात्र 7500 और सहायकों को 4500 रुपए पर जीवन गुजर-बसर करना पड़ता है, जो कि इस महंगाई के दौर में बहुत कम है। इस वेतन में गुज़ारा करना इन कर्मचारियों के लिए संभव नहीं है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ से भी ये मांग की है की उनके मानदेय में शीघ्र बढ़ोतरी की मांग को सरकार के समक्ष उठाया जाए। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्र के लिए ग्रामीण हल्के में मात्र 750 रुपए किराया निर्धारित किया गया है, जो कि बहुत ही कम है ,इसे बढ़ाया जाना चाहिए। इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बहुत मेहनत करके प्री प्राइमरी कक्षाओं का संचालन शुरू किया था, परंतु अब सरकार एनटीटी अध्यापकों की भर्ती करके उनके साथ अन्याय करने जा रही है। संघ ने शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री से इस विषय में उचित कदम उठाने का आग्रह किया है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता संघ का कहना है कि कोरोना काल में सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा कोविड योद्धा के रूप में फ्रंटलाइन पर कार्य किया गया, परंतु न तो उन्हें इसके लिए कोई प्रोत्साहन राशि दी गई और न ही फ्रंट लाइन कोविड कार्यकर्ताओं का दर्जा दिया गया। इससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हताश हैं। संघ की अध्यक्ष ने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सरकार की विभिन्न योजनाएं टीकाकरण, पल्स पोलियो, वोटर लिस्ट सर्वे, जन्म-मृत्यु पंजीकरण सहित जनगणना के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं लेकिन आंगनबाड़ी में सेवाएं दे रहीं कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की मांगों को पूरा करने के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी घोषित करने की मांग वे कई बार कर चुके हैं लेकिन अभी तक इसके बारे में कोई पहल नहीं की गई है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि आंगनबाड़ी के स्टाफ को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को न्यूनतम वेतन 18,000 और सहायिकाओं को नौ हजार रुपये मासिक वेतन दिया जाए। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता संघ की वरिष्ठ उपप्रधान योग रानी का कहना है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्री नर्सरी स्कूलों में तैनाती के साथ पदनाम भी दिया जाए।
ये है तीन मुख्य मांगे
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी घोषित करने की मांग
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को न्यूनतम वेतन 18,000 और सहायिकाओं को नौ हजार रुपये मासिक वेतन दिया जाए
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्री नर्सरी स्कूलों में तैनाती के साथ पदनाम भी दिया जाए