रोष : न जाने भाषा अध्यापक श्रेणी से भेदभाव क्यों हो रहा है?
चंबा जिले के बैच वाइज भाषा अध्यापक काउंसलिंग के अभ्यर्थियों ने नतीजों में की जा रही देरी को लेकर नाराजगी जाहिर की है। इन अभ्यर्थियों का कहना है कि एक तरफ सरकार शिक्षकों की विभिन्न कैटेगरी के तहत खाली पदों को भर रही है, दूसरी तरफ चंबा जिला में भाषा अध्यापकों की बैच वाइज काउंसलिंग का रिजल्ट नहीं निकाला गया है। चंबा जिला के इस मामले पर अभ्यर्थियों ने आर-पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान कर दिया है। अगर सरकार से न्याय नहीं मिला, तो शिक्षक कोर्ट जाएंगे। बता दें कि चंबा जिला के भाषा शिक्षकों का रिजल्ट न निकलने पर अब शिक्षा विभाग पर भी सवाल उठने लगे हैं। आखिर चंबा में ही बैचवाइज भर्ती के तहत रिजल्ट क्यों नहीं निकाला गया है, इस पर शिक्षा विभाग ने लंबे समय से चुप्पी साधी हुई है। बेरोजगारी झेल रहे अभ्यर्थी कई मर्तबा शिक्षा विभाग से लेकर शिक्षा मंत्री तक इस मामले पर मिले, लेकिन कोई भी इन अभ्यर्थियों को आश्वस्त नहीं कर पा रहा है।
इन अभ्यर्थियों का कहना है कि करीब आठ माह पहले साक्षात्कार लिए गए थे, बावजूद इसके अभी तक परिणाम नहीं निकाला गया है। इससे अभ्यर्थियों को भविष्य की चिंता सताने लगी है। अभ्यर्थियों ने कहा कि गत वर्ष 6 और 7 सितंबर को जिले में भाषा अध्यापकों की बैच वाइज काउंसलिंग प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कार्यालय में हुई थी, परन्तु आठ माह बीत जाने के बावजूद अब तक परिणाम घोषित नहीं किया गया है। लिहाजा टेट पास शिक्षक अपने आपको ठगा सा महसूस कर रहे हैं। अभ्यर्थियों ने कहा कि इतना अधिक समय बीत जाने पर भी परिणाम घोषित न करना उनकी चिंताएं बढ़ा रहा है। उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि कोरोना काल में भी विभिन्न श्रेणियों की बैच वाइज नियुक्तियां हो रही हैं, लेकिन न जाने भाषा अध्यापक श्रेणी से सरकार और विभाग भेदभाव क्यों कर रहे हैं? अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव, प्रारंभिक शिक्षा निदेशक और प्रारंभिक शिक्षा उप निदेशक चंबा से मांग की है कि बिना किसी भेदभाव के साक्षात्कारों के नतीजे के इंतजार में बैठे प्रभावितों को जल्द राहत प्रदान की जाए।
इन अभ्यर्थियों का कहना है कि भाषा अध्यापक बैच वाइज भर्ती पर कोर्ट द्वारा बैच वाइज काउंसलिंग और रिजल्ट निकालने पर कोई भी रोक नहीं लगाई गई है, परन्तु फिर भी रिजल्ट नहीं निकाला गया है। इनका कहना है कि अगर नतीजे घोषित ही नहीं करने थे तो फिर कमीशन क्यों करवाया गया। गुस्साए भाषा अध्यापकों ने अब कोर्ट जाने की धमकी दे दी है। अभ्यर्थी दीप्ति कुमारी, सोनिया कुमारी, निधि कुमारी, सपना देवी, राधा देवी, आरती देवी, मोनिका देवी, छाया देवी, कुसुम लता ने कहा कि इतना अधिक समय बीत जाने के बावजूद नतीजे न निकालना उनकी चिंताएं बढ़ा रहा है। विभाग व सरकार द्वारा दस महीने से भाषा अध्यापकों का परिणाम न निकालने के कारण अभ्यर्थियों में रोष है।