15 सालों से धूल खा रही करुणामूलक आश्रितों की फाइलें, नौकरी के नाम पर मजाक - करुणामूलक संघ
करुणामूलक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से एक बार फिर गुहार लगाई है कि करुणामूलक नौकरियां आगामी कैबिनेट में बहाल की जाये क्योंकि आश्रित परिवार 15 सालों से इंतज़ार कर रहे है, दिन प्रतिदिन उम्रें ज्यादा होने के कारण आश्रित बाहर हो जा रहे है, आश्रितों ने तो एक अपने परिवार का कमाने वाला सदस्य खोया है उपर से कोरोना जैसी महामारी के समय करुणामूलक आश्रितों का परिवार दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर है यहाँ तक की इन परिवारों को खाने पीने तक के लाले पड़ गए है। करुणामूलक संघ लम्बे समय से करुणामूलक नौकरी बहाली के लिए संघर्षरत है और हिमाचल सरकार इन परिवारों के लिए कुछ भी नहीं कर रही है हिमाचल प्रदेश में लगभग 4500 मामले अनेक विभागों, बोर्डों व निगमों में लंबित पड़े हुए हैं और इन परिवारों को रोजी रोटी परिवार के लालन पालन के लाले पड़ गए हैं उन्होंने कहा कि वे कई बार स्थानीय विधायकों मंत्रियों यहां तक की हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से कई बार मिले हैं परंतु उन्होंने अभी तक आश्वासन के सिवा कुछ भी नही दिया है। प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर जी से आग्रह किया है कि आगामी कैबिनेट बैठक में करुणामूलक संघ कि इन माँगो को पुरा करने के लिए आदेश दें। इनमे मुख्य मांगे समस्त विभागों, बोर्डों, निगमों में लंबित पड़े करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नौकरियों के केस को जो 7/03/2019 की पॉलिसी मे आ रहे हैं उनको वन टाइम सेटलमेंट के तेहत सभी को एक साथ नियुक्तियाँ दी जाएं। करुणामूलक आधार पर नौकरियों वाली पॉलिसी में संशोधन किया जाए व उसमे 62500 रूपए एक सदस्य सालाना आय सीमा शर्त को पूर्ण रूप से हटा दिया जाए। योग्यता के अनुसार आश्रितों को बिना शर्त के सभी श्रेणीयो में नौकरी दी जाऐ। 5% कोटा शर्त को हटा दिया जाए ताकि विभाग अपने तौर पर नियुक्तियाँ दे सके। जब किसी महिला आवेदक की शादी हो जाती है तो उसे पॉलिसी से बाहर किया जाता है इस शर्त को भी हटाया जाए इसके अलावा जिन के केस कोर्ट में बहाल हो गए है उन्हें भी नियुक्तियाँ दी जाए क्योंकि विभागों द्वारा कोर्ट केस को लटकाया जा रहा है।