टीजीटी काडर के हितों पर कुठाराघात कर रही सरकार
प्रदेश पदोन्नत स्कूल प्रवक्ता संघ ने मुख्याध्यापक से प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति में राइडर को न फॉलो करने पर रोष जताया है। संघ के अनुसार मुख्याध्यापक से प्रधानाचार्य पद की पदोन्नति पर इस वर्ग का 117 पदों का बैकलॉग चल रहा था। सरकार उसे शीघ्र भरने वाली भी थी, लेकिन स्कूली प्रवक्ता के एक वर्ग द्वारा सरकार को गुमराह करने पर अब जानकारी मिल रही है कि प्रवक्ता वर्ग से 100 व मुख्य अध्यापक पद वर्ग से भी 100 पद ही भरे जा रहे हैं। अगर विभागीय आंकड़ों को देखा जाए, तो 31 दिसंबर तक 190 प्रधानाचार्य मुख्य अध्यापक वर्ग से तथा 105 प्रवक्ता वर्ग से सेवानिवृत्त हुए हैं। अगर 117 के बैकलॉग को शामिल किया जाए, तो गत मार्च से लेकर दिसंबर तक स्कूली प्रधानाचार्य के 277 पद मुख्याध्यापक कोटे के खाली चले हुए हैं। इस प्रकार स्कूली प्रधानाचार्य के कुल 313 खाली पदों में से प्रवक्ता वर्ग के कोटे के मात्र 36 पद ही बनते हैं। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति में कहीं भी राइडर की अनुपालना नहीं की जा रही है। प्रदेश पदोन्नत स्कूल प्रवक्ता संघ का आरोप है कि स्कूली प्रवक्ता का एक वर्ग सरकार से अपनी नजदीकी का नाजायज फायदा उठाकर 26000 के टीजीटी काडर के हितों पर कुठाराघात कर रहा है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष यशवीर जम्वाल, अध्यक्ष कोर कमेटी केवल ठाकुर, मुख्य संरक्षक हरीमन शर्मा, महासचिव कमल किशोर शर्मा, कोषाध्यक्ष मदन लाल शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष संदीप डडवाल, प्रदेश संयुक्त वित्त सचिव प्रीतम कौशल, प्रधान जिला बिलासपुर यशपाल रनौत, प्रधान सोलन नरेंद्र ठाकुर, प्रधान कांगड़ा प्रदीप धीमान, प्रधान मंडी दर्शन राणा, कुल्लू मनोज, चंबा मनोज, ऊना विवेक दत्ता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष हमीरपुर रविदास शर्मा, विक्रम वर्मा, अजय नंदा सहित अन्य पदाधिकारियों व सदस्यों ने सरकार से मांग की है कि उनके कोटे के खाली सभी पदों को सरकार अति शीघ्र भरें।