नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता की घोषणा जल्द करे सरकार
हिमाचल अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन ने हिमाचल के विभिन्न विभागों में भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अंतर्गत अनुबंध पर नियुक्त होने के बाद नियमित हुए कर्मचारियों को नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता देने की मांग की है। संगठन के प्रदेशाध्यक्ष मुनीष गर्ग और महासचिव अनिल सेन के अनुसार विभिन्न विभागों में अनुबंध पर नियुक्त हुए कर्मचारी लंबे समय से वरिष्ठता की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी यह मांग पूरी नही हो पाई है। अनुबंध से नियमित होने के बाद इन कर्मचारियों की अनुबंध काल की सेवा को उनके कुल सेवा काल में नही जोड़ा जा रहा है, जोकि सरासर गलत है। इन कर्मचारियों की मांग है कि उनको नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता प्रदान की जाए ताकि उन्हें समय रहते प्रमोशन का लाभ मिल सके। अनुबंध काल की सेवा का वरिष्ठता लाभ ना मिलने के कारण उनके जूनियर साथी सीनियर होते जा रहे हैं। चूनावों से भाजपा के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल ने सेनिओरिटी की मांग को पूरा करने का आश्वासन दिया था। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिक्षक महासंघ के ऊना अधिवेशन में वरिष्ठता की मांग को जायज माना है।
हिमाचल अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मुनीष गर्ग, प्रदेश महासचिव अनिल सेन, संरक्षक राजेश जैसिंघपुरिया, सलाहकार राजेश वर्मा, वित्त सचिव विजय शर्मा, प्रदेश प्रवक्ता संजय कुमार, उपाध्यक्ष अवतार कपूर, कुलदीप कुमार, प्रदीप कुमार, प्रेस सचिव प्रेम पाल पठानिया, राकेश चौहान, विजय सैनी, प्रदेश सहसचिव निर्माण सिंह, मनदीप चौधरी, आईटी सेल प्रमुख संदीप चंदेल, कुल्लू जिला इकाई के अध्यक्ष सोमेश डोगरा, हमीरपुर जिला अध्यक्ष डॉ सुरेश कुमार, ऊना जिला अध्यक्ष संजीव बग्गा, शिमला जिला अध्यक्ष मोहित शर्मा, बिलासपुर जिला अध्यक्ष नीरज शर्मा, मंडी जिला अध्यक्ष कृष्ण यादव, चंबा जिला अध्यक्ष राजेंदर पॉल, काँगड़ा जिला अध्यक्ष सुनील पराशर, सिरमौर जिलाध्यक्ष नरेश शर्मा ने सामूहिक बयान में कहा है कि संगठन के पदाधिकारी प्रदेश के कोने-कोने में वरिष्ठता की मांग को मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों के समक्ष प्रमुखता से उठा रहे है। बावजूद इसके पिछले तीन सालों से सिर्फ और सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे है और संगठन की प्रमुख मांगों को लगातार अनसुना किया जा रहा है। इससे प्रदेश के हजारों कर्मचारी अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे है। सरकार ने विधानसभा में पूछे गए प्रश्न के जवाब में उतर दिया था कि अनुबंध पर दी गई सेवाओं को कुल सेवाकाल में नही जोड़ा जा सकता। कर्मचारियों का कहना है कि 2008 से पहले बैच और कमीशन के आधार पर कर्मचारियों को अनुबंध पर नही रखा जाता था। इससे पहले कमीशन और बैच के आधार पर नियुक्त कर्मचारियों को नियमित आधार पर नियुक्त किया जाता था। इसलिए कर्मचारियों की नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता की मांग उचित और न्यायपूर्ण है।
संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि कुछ अनुबंध कर्मचारी 7 वर्ष के बाद नियमित हुए ,कुछ 6 वर्ष के बाद, कुछ 5 वर्ष के बाद और वर्तमान में 3 वर्ष के बाद नियमित हो रहे हैं। आने वाले समय में लगता है कि अनुबंध काल 2 और कुछ वर्षों के बाद खत्म ही हो जाएगा। यह 7 वर्ष 6 वर्ष 5 वर्ष और 3 वर्ष के बाद नियमित होने वाले कर्मचारियों के मौलिक और समानता के अधिकार का हनन है। प्रदेश अध्यक्ष मुनीष गर्ग के अनुसार भारत के संविधान में समानता का अधिकार एक मौलिक अधिकार है। कर्मचारियों को अलग अलग अन्तरालों में नियमित करने से असमानता फैली है। सरकार कर्मचारियों की मांग को पूरा करके इस असमानता को खत्म करे। जब प्रदेश सरकार अन्य कर्मचारियों को लाभ देने के लिए नियम बदल सकती है तो कमीशन पास करके और बैच के आधार पर नियुक्त कर्मचारियों को नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता क्यों नही दे सकती?
संगठन प्रदेश सरकार से यह मांग करता है कि प्रदेश की विभिन्न विभागों में कार्यरत अनुबंध और अनुबंध से नियमित कर्मचारियों को नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता प्रदान की जाए और उनके अनुबंध काल को कुल सेवाकाल में जोड़ने की मुख्यमंत्री जल्द घोषणा करें ताकि समय रहते कर्मचारियों को लाभ मिल सके। संगठन ने उम्मीद जताई है कि जो प्रतिबद्धता सरकार ने अन्य वर्ग को राहत प्रदान करने के लिए दिखाई है, उसी प्रतिबद्धता से सरकार हजारों कर्मचारियों के सेनिओरिटी के मुद्दे को भी जल्द सुलझाएगी और नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता प्रदान करके अपना चुनावी वायदा पूरा करेगी।