कोरोना काल में फ़्रंटलाइन पर सेवाएं दे रहें आउटसोर्स कर्मियों ने प्रदेश सरकार से की स्थाई नीति की मांग
हिमाचल प्रदेश आउटसोर्स कर्मचारी महासंघ सरकार से निरंतर स्थायी नीति की मांग कर रहा है। उनक का कहना है कि विभिन्न सेवाप्रदाता प्राइवेट कंपनियों द्वारा लगातार आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। इनके द्वारा प्राय: एंप्लॉयर ईपीएफ शेयर कर्मचारी से ही काटा जाता है जोकि सरासर गलत है। संघ का मनाना है कि ठेकेदारी प्रथा गलत है, इससे सिर्फ भ्रष्टाचार को अधिक बढ़ावा मिल रहा है। गरीब कर्मचारी से ठेकेदार मनमाना कार्य करवाते है तथा वेतन की अदायगी कई महीनों तक नहीं करते है। उन्होंने कहा कि गरीब कर्मचारी वर्ग को इस महंगाई के दौर में मुश्किलों का समना करना पड़ रहा है। सेवाप्रदाता कंपनिया सदैव आउटसोर्स कर्मियों का शोषण करती आई है। कंपनी कर्मचारी के वेतन से ESI के पैसे तो काट लेती है, परंतु ESI Card देने से कतराती है। गौरतलब है कि आउटसोर्स कर्मचारियों द्वारा इस कोरोना-काल में फ्रंटलाइन पर नाममात्र के वेतन पर दिन-रात सेवाएं दे रहें है। अतः महासंघ, वर्तमान में कार्यरत जयराम सरकार से आउटसोर्स कर्मचारी के हित में एक बड़ी घोषणा की उम्मीद करता है।