सीटू की हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी की बैठक हुई सम्पन्न
आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता व हेल्परज़ यूनियन सम्बन्धित सीटू की हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी की बैठक सम्पन्न हुई। राज्य कमेटी बैठक में आंगनबाड़ी कर्मियों की प्री प्राइमरी में नियुक्ति व अन्य मांगों को लेकर गम्भीर चिन्तन मंथन हुआ व आंदोलन को तेज करने का निर्णय लिया गया। कर्मियों की मांगों को लेकर ग्यारह से तीस मई तक प्रदेशव्यापी आंदोलन करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत मंडी, जोगिन्दरनगर, सरकाघाट, धर्मशाला, पालमपुर, देहरा, शिमला, रामपुर, रोहड़ू, ठियोग, अर्की, नालागढ़, पच्छाद, संगड़ाह, शिलाई, पौण्टा साहिब, नाहन, चम्बा, हमीरपुर, बंजार, बिलासपुर व ऊना में कर्मियों द्वारा धरने प्रदर्शन किए जाएंगे। बैठक में सीटू राष्ट्रीय सचिव कश्मीर ठाकुर, प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, यूनियन प्रदेशाध्यक्ष नीलम जसवाल, महासचिव वीना देवी, सुमित्रा देवी, सुलोचना देवी, किरण कुमारी, बिमला देवी, स्वर्चा देवी, शशि किरण, हरदेई देवी, हिमी देवी, राजकुमारी, बिम्बो देवी, कौशल्या देवी, वीना देवी, मीना देवी, सुदेश कुमारी, रंजना देवी, नीलम रानी, ममता देवी, रीना देवी, मधुबाला, अंजुला कुमारी आदि शामिल रहे।
यूनियन की प्रदेशाध्यक्ष नीलम जसवाल व महासचिव वीना शर्मा ने केंद्र व प्रदेश सरकार को चेताया है कि अगर आंगनबाड़ी वर्करज़ को प्री प्राइमरी कक्षाओं के लिए नियुक्त करने के आदेश जारी न किए तो आंदोलन तेज होगा। उन्होंने केवल आंगनबाड़ी कर्मियों को ही प्री प्राइमरी कक्षाओं के लिए नियुक्त करने की मांग की है क्योंकि छः वर्ष से कम उम्र के बच्चों की शिक्षा का कार्य पिछले पैंतालीस वर्षों से आंगनबाड़ी कर्मी ही कर रहे हैं। उन्होंने नई शिक्षा नीति को वापिस लेने की मांग की है क्योंकि यह न केवल छात्र विरोधी है अपितु आइसीडीएस विरोधी भी है। उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2021 के आइसीडीएस बजट में की गई 30 प्रतिशत की कटौती को आंगनबाड़ी कर्मियों के रोज़गार पर बड़ा हमला करार दिया है। उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा आंगनबाड़ी वर्करज़ व हैल्परज़ के वेतन में पांच सौ व तीन सौ रुपये की बढ़ोतरी को क्रूर मज़ाक करार दिया है। उन्होंने मांग की है कि आंगनबाड़ी कर्मियों को हरियाणा की तर्ज़ पर वेतन और अन्य सुविधाएं दी जाएं। उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए तीन हज़ार रुपये पेंशन, दो लाख रुपये ग्रेच्युटी, मेडिकल व छुट्टियों की सुविधा लागू करने की मांग की है। है।
उन्होंने कहा कि सरकार आइसीडीएस के निजीकरण का ख्याली पुलाव बनाना बन्द करे। देश के अंदर चलने वाली सभी योजनाओं से देश की लगभग एक करोड़ महिलाओं को रोजगार मिला हुआ है। केंद्र सरकार लगातार इन योजनाओं को कमज़ोर करने की कोशिश कर रही है। इस से केंद्र सरकार की महिला सशक्तिकरण व नारी उत्थान के नारों की पोल खुल रही है। उन्होंने आंगनबाड़ी कर्मियों को वर्ष 2013 का नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के तहत किये गए कार्य की बकाया राशि का भुगतान तुरन्त करने की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि प्री प्राइमरी कक्षाओं व नई शिक्षा नीति के तहत छोटे बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा केवल आंगनबाड़ी वर्करज़ को दिया जाए क्योंकि वे काफी प्रशिक्षित कर्मी हैं। इस संदर्भ में उनकी नियमित नियुक्ति की जाए तथा इसकी एवज़ में उनका वेतन बढाया जाए।