30 सितंबर से पहले जेसीसी नहीं हुई, तो क्या फायदा
राज्य के हजारों अनुबंध कर्मचारी जेसीसी की तारीख तय होने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। जैसे -जैसे 30 सितंबर की तारीख नजदीक आ रही है, इनकी बैचेनी और अधिक बढ़ रही है। अनुबंध कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए सरकार ने 30 सितंबर और 31 मार्च की तिथियां निर्धारित की है। यदि 30 तारिख से पहले जेसीसी नहीं होती है और अनुबंध काल को नहीं घटाया जाता तो आगामी 30 तारिख को नियमित होने वाले कर्मचारियों को इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा। कर्मचारी मांग कर रहे हैं कि अनुबंध अवधि को सरकार तीन से घटाकर दो साल करे और जेसीसी को 30 सितम्बर से पहले किया जाए। विदित रहे कि जेसीसी की तारिख पहले 25 सितंबर तय की गई थी लेकिन बाद में इसे टाल दिया गया क्योंकि इस रोज प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना की लांचिंग के लिए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल शिमला आ रहे हैं। सर्व अनुबंध कर्मचारी महासंघ ने सरकार से मांग की है कि कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए जेसीसी की बैठक इसी माह बुलाई जाए। उन्होंने कहा कि महासंघ पिछले लगभग 4 वर्षो से अनुबंध कार्यकाल को 3 वर्ष से 2 वर्ष कराने की गुहार लगा रहा है लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिले है।
सूबे के सभी अनुबंध कर्मचारियों व उनके परिवारजनों को पूरा विश्वास था कि मुख्यमंत्री 15 अगस्त को अनुबंध कार्यकाल कम करने की घोषणा करेंगे लेकिन अनुबंध कर्मचारियों के हाथ निराशा ही लगी। सर्व अनुबंध कर्मचारी महासंघ का कहना है कि राज्य में उच्च शिक्षा समेत कई विभागों ने अपने यहां तीन साल पूरा कर चुके अनुबंध कर्मचारियों को रेगुलर करना शुरू कर दिया है। उच्च शिक्षा विभाग ने स्कूल लेक्चरर न्यू के लिए तय फारमेट पर सभी जिलों से अनुबंध के शिक्षकों की जानकारी मांग ली है। जलशक्ति और स्वास्थ्य विभागों से भी ऐसी ही सूचना है। दरअसल कार्मिक विभाग ने 30 मार्च को इस बारे में अधिसूचना जारी की थी। इसमें कहा गया था कि 31 मार्च और 31 सितंबर 2021 को तीन साल पूरा करने वाले कर्मचारी रेगुलर किये जाएं। इसी अनुसार अब विभागों ने रेगुलराइजेशन का प्रोसेस शुरू कर दिया गया है।
इसलिए 30 सितम्बर से पहले हो बैठक
सर्व अनुबंध कर्मचारी महासंघ का कहना है कि यदि जेसीसी की बैठक इसी माह न कर के अगले माह की जाती है और उसमें यदि अनुबंध अवधि को 3 वर्ष से घटाकर 2 वर्ष कर भी दिया जाता है तो इस घोषणा का लाभ इन कर्मचारियों को नहीं मिल पाएगा। अनुबंध कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए सरकार ने 30 सितंबर और 31 मार्च की तिथियां निर्धारित कर रखी हैं। इस प्रकार यह घोषणा अनुबंध कर्मचारियों के साथ किया गया एक भद्दा मजाक साबित होगी।
अपने ही चुनावी वादे की बार-बार अनदेखी कर रही सरकार : अरुण
सर्व अनुबंध कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अरुण भारद्वाज का कहना है कि महासंघ की राज्य कार्यकारिणी को बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया था कि सितंबर से पहले अनुबंध अवधि 2 वर्ष कर दी जाएगी। अब यदि 30 सितंबर से पहले जेसीसी की बैठक नही बुलाई जाती है तो सूबे के अनुबंध कर्मचारी एक बार फिर से खुद को ठगा सा महसूस करेंगे और उनका वर्तमान सरकार पर से विश्वास उठ जाएगा। सरकार द्वारा अपने ही चुनावी वायदे की इस तरह बार-बार अनदेखी करने से अनुबंध कर्मचारियों में खासा रोष व्याप्त है। भारद्वाज का कहना है कि वर्तमान सरकार के सत्तासीन होने के बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों का 3 वर्ष का अनुबंध काल पूरा होने वाला है। जेसीसी की बैठक जल्द से जल्द इसी महीने बुलाई जाए और अनुबंध अवधि 2 वर्ष के मुद्दे को हल कर के अनुबंध कर्मचारियों की पिछले 4 वर्षो से लगातार उठ रही मांग को पूरा किया जाए ताकि अधिकांश कर्मचारियों को कम से कम 6 महीने का फायदा मिल सके।