यदि सरकार रोजगार नहीं दे सकती तो एएनएम की ट्रेनिंग क्यों ?
"सरकार हम लोगों के साथ लगातार सौतेला व्यवहार कर रही है। हमारी बात सुनने वाला कोई भी मौजूद नहीं है।" ये कहना है प्रदेश में एनएनएम डिप्लोमा धारक करीब छह हजार महिलाओं का जो 2012 से रोजगार की तलाश में हैं। इन बेरोजगार स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का कहना है कि प्रदेश सरकार न तो स्वास्थ्य के क्षेत्र में बैचवाइज और न ही कमीशन से एनएनएम की भर्ती कर रही है। अब ये स्वास्थ्य कार्यकर्ता अनशन पर बैठने को तैयार है। महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता बेरोजगार संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुदर्शना कुमारी का कहना है कि सरकार उनसे लगातार सौतेला व्यवहार कर रही है। उनकी किसी भी मंच पर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। प्रदेश सरकार की ओर से जब भी एनएनएम की भर्तियां निकाली जाती है तो उसमें जीएनएम और बीएससी को भी अप्लाई करने के लिए छूट दी जाती है। इस कारण कुछ पद मैरिट और हाई क्वालिफिकेशन के कारण भर लिए जाते हैं और कुछ पद आरक्षण के चलते भर दिए जाते हैं। इस कारण एनएनएम को किसी भी भर्ती में मौका ही नहीं मिल पाता। उन्होंने कहा कि यदि सरकार रोजगार नहीं दे सकती तो एनएनएम की ट्रेनिंग क्यों करवाई जा रही है। इस बारे में कई बार प्रदेश मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन सौंपा गया है लेकिन अब एनएनएम कार्यकर्ताओं के पास कोई रास्ता नहीं बचा है। ऐसे में अब स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने अनशन करने की बात कही है।