जेसीसी बैठक : 25 सितंबर का दिन मुकर्रर, उम्मीदें बेतहाशा
हिमाचल प्रदेश के कर्मचारियों को जिसका इंतज़ार था, वो घड़ी अब आ गई है। सरकार ने कर्मचारियों के मसले सुलझाने के लिए 25 सितंबर को सुबह 11 बजे संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की बैठक बुलाई है। इससे पहले वीरभद्र सिंह सरकार ने वर्ष 2015 में जेसीसी आयोजित की थी। जबकि सत्ता संभालने के बाद जयराम सरकार भी पहली जेसीसी आयोजित करेगी। इस बैठक के लिए हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के पदाधिकारियों को सरकार ने पहले ही अधिकृत कर रखा है, जो कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करेंगे। वहीं बैठक में सभी विभागों के सचिव और विभागाध्यक्षों को मौजूद रहने के लिए कहा गया है।
इस बैठक से कर्मचारी वर्ग को खासी उम्मीद है और अब क्यों कि 2022 के विधानसभा चुनाव में अधिक वक्त नहीं बचा है, ऐसे में अपेक्षित है कि सरकार कई लंबित मसलों पर सकारात्मक फैसले ले। सत्ता प्राप्त करने में प्रदेश का कर्मचारी वर्ग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और ऐसे में जाहिर सी बात है कि सरकार पर कर्मचारी वर्ग की अपेक्षाओं का बोझ है। वहीँ सरकार द्वारा अधिकृत हिमाचल प्रदेश अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ से भी कर्मचारी वर्ग को उम्मीदें रहेगी। यानी दबाव दोतरफा होगा। उधर सरकार के नज़रिए से देखा जाए तो सरकार की भी अपनी मजबूरी है। कर्मचारी उम्मीदों पर खरा न उतरे तो सत्ता खोने का डर बढ़ जाता है, और यदि कर्मचरियों को नई राहतें-सौगातें दे तो आर्थिक स्थिति ख़राब होती है। पहले से कर्ज़े में डूबी हिमाचल प्रदेश सरकार के लिए ये बेहद मुश्किल समय है। राज्य में विकास कार्यों के नाम पर लगातार ऋण लिया जा रहा है। कोरोना संकट के बीच राज्य की माली हालत पतली है। अब जयराम सरकार कर्मचारियों को नए लाभ कहाँ से देगी, ये बड़ा सवाल है।
इन कर्मचारी मांगो पर रहेगी रहेगी नज़रें
- कर्मचारियों को संशोधित वेतनमान देने की मांग
- अनुबंध कार्यकाल दो साल करने की मांग
- अनुबंध कार्यकाल को वरिष्ठता में शामिल करने की मांग
- कर्मचारियों को 4-9-14 साल की सेवा अवधि में टाइम स्केल देना
- कनिष्ठ ऑफिस सहायकों के लिए भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में संशोधन
- महंगाई भत्ते की पांच फीसदी किस्त जारी करने की मांग
- नई पेंशन स्कीम के तहत केंद्र सरकार की 2009 की अधिसूचना के अनुसार निधन या स्थायी अपंगता पर पूरी पेंशन देने की मांग
- केंद्र सरकार की तर्ज पर महिला कर्मियों को बच्चे की देखभाल के लिए दो साल का अवकाश देने का मसला
- कर्मचारियों के अन्य मसले जैसे की प्रतिपूरक भत्ता, पूंजी भत्ता और मकान किराया भत्ता बढ़ाने की मांग
- एनजीओ फेडरेशन के एक प्रतिनिधि को हाउस अलॉटमेंट कमेटी में शामिल करने की मांग
- तीसरी और चतुर्थ श्रेणी के सभी खाली पदों को जल्द भरने की मांग
- आउटसोर्स कर्मचारियों को अनुबंध पर लाने की मांग
- पुलिस कॉन्स्टेबल्स का अनुबंध काल घटाकर 3 वर्ष करने की मांग
- दैनिक वेतन भोगियों को 5 की बजाए 4 साल में नियमित करने की मांग
- आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा वर्करों का वेतन बढ़ाने की मांग
- करुणामूलक नौकरियां बहाल करने की मांग
- नव नियुक्त कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन 18000 करने की मांग
- छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को जल्द लागू करवाना