जूनियर हुए सीनियर और सीनियर बने जूनियर, अब जेसीसी से उम्मीद
जेसीसी बैठक की तारिख तय होने के बाद से ही समस्त कर्मचारी वर्ग अपनी अपनी मांगें सर्कार को याद करवा रहे है। इसी कड़ी में हिमाचल अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन ने भी प्रदेश सरकार से नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता की मांग को पूरा करने का आग्रह किया है। हिमाचल अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन के प्रदेश महासचिव अनिल सेन ने कहा कि उनका संगठन पिछले लगभग 4 वर्षों से अपनी प्रमुख मांग नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता व अनुबंध काल को कुल सेवाकाल में जोड़ने के संदर्भ में संघर्ष कर रहा है l इस मांग को पिछले लगभग 4 सालों में भिन्न भिन्न मंच के माध्यम से 200 से अधिक बार प्रदेश सरकार के ध्यान में लाया जा चुका है l उन्होंने कहा कि इस मांग को 50 से अधिक बार मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के समक्ष रखा जा चुका है, लेकिन हर बार उनको आश्वासन पर आश्वासन ही मिलते रहे। अब तक उनकी इस मांग को खास तवज्जो नहीं दी गई l इनका कहना है कि संगठन द्वारा मुख्यमंत्री से मुलाकात हेतु मुख्यमंत्री कार्यालय में आवेदन किया गया ,लेकिन उन्हें समय नहीं मिल पायाl
इनका दावा है कि नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता की मांग को पूरा ना किये जाने से कर्मचारियों में नाराजगी हैl नतीजन प्रदेश में हाल ही में हुए मंडी संसदीय क्षेत्र के उपचुनाव व तीन विधानसभा के उपचुनाव में बहुत से कर्मचारियों ने नोटा का इस्तेमाल किया और प्रदेश सरकार को हार का मुंह देखना पड़ा l चुनाव से पहले जेसीसी की मीटिंग ना बुलाना भी हार का बहुत बड़ा कारण रहा l संगठन के प्रदेश महासचिव अनिल सेन ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न विभागों में अलग रवैया अपनाया जा रहा है। कभी किसी कर्मचारी को जूनियर बना दिया जाता है और कभी किसी को सीनियर l इसका उदाहरण इस साल मिला है l इस साल शिक्षा विभाग में 17 अप्रैल 2021 को टीजीटी से लेक्चरर प्रमोशन लिस्ट जारी हुई है l 31 मार्च 2021 को 2018 में अनुबंध पर तैनात लेक्चरर ने भी 3 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया था l अब क्योंकि उनका नियमितीकरण 17 अप्रैल के बाद हुआ तो वे जूनियर हो गए यह इसलिए क्योंकि अनुबंध से नियमित कर्मचारियों की वरिष्ठता की गणना उनके नियमितीकरण के बाद ही की जाती है l 17 अप्रैल को उनके कनिष्ठ रहे रेगुलर टीजीटी प्रमोट होकर लेक्चरर बने और वे सीनियर हो गए l यदि उन अनुबंध पर तैनात प्रवक्ताओं का नियमितीकरण 17 अप्रैल से पहले हो जाता तो वे सीनियर हो जाते l ऐसे ही मामले अन्य विभाग और कैडर में भी सामने आए हैं l