विधुत बोर्ड तकनीकी कर्मचारियों को कोरोना योद्धा घोषित करें सरकार
राज्य विद्युत बोर्ड तकनीकी कर्मचारी संघ ने प्रदेश सरकार से मांग की हैं कि तकनीकी कर्मचारियों को कोरोना योद्धा घोषित किया जाए। तकनीकी कर्मचारी कोरोना कर्फ्यू में भी ड्यूटी पर तैनात हैं। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड तकनीकी कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष दूनी चंद ठाकुर व प्रदेश महामंत्री नेकराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार से अपील की है कि हिमाचल बिजली बोर्ड के तकनीकी कर्मचारियों को भी मध्यप्रदेश व पंजाब की तर्ज पर कोरोना योद्धा घोषित किया जाए, ताकि कोरोना काल में पूरी निष्ठ से अपनी सेवाएं देने वाले इन कर्मचारियों का मनोबल बढे। संघ के पदाधिकारियों का कहना है की कोरोना महामारी की दूसरी प्रचंड लहर जो पूरे देश में कोहराम मचा रही है, उससे हमारा प्रदेश भी अछूता नहीं है। ऐसे में ये दूसरी लहर तकनीकी कर्मचरियों के लिए भी बड़ी चुनौती बनी हुई है। बिजली बोर्ड के कर्मचारी इस महामारी के दौर में भी अपनी सेवाएं दे रहे है। पिछले वर्ष की तरह इस बार भी आम जनमानस को सुचारू बिजली उपलब्ध करवा रहे है लेकिन प्रबंधन उनका ज़रा भी ख्याल नहीं रख रहा।
दूनी चंद ठाकुर ने कहा कि बिजली बोर्ड प्रबंधन आजकल पूरी तरह से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में व्यस्त है। उन्होंने आरोप लगाया है कि किसी भी अधिकारी को जब भी किसी जरूरी समस्या के बारे में फोन किया जाता है तो आगे से जवाब मिलता है कि साहब वीसी में हैं। मुख्यालय में पदाधिकारियों को मिलने के लिए भी घंटों इंतजार करना पड़ता है। बिजली बोर्ड में आज की तारीख में तानाशाही पूर्ण वातावरण बना हुआ है जिससे कर्मचारी परेशान है। संघ ने बोर्ड प्रबंधन पर आरोप लगाया है कि बोर्ड मुख्यालय में तो थर्मल स्कैनिंग व अधिकारियों के टेबलों पर शीशे लगाकर सुरक्षा के प्रबंध किए गए हैं, मगर फील्ड पर डटे कर्मचारियों की सुध कोई नहीं ले रहा। चाहे उपमंडल के कार्यालय हों या शिकायत कक्ष या 33 केवी स्टेशन ,कहीं पर भी न कोई सैनेटाइजर, पीपीई किट या शील्ड हेलमेट की व्यवस्था नहीं है। उनका कहना है की अगर स्थानीय अधिकारियों से बात करें तो वह बजट का रोना रोते हैं जबकि उनके अपने कार्यलयों में यह सारी की सारी व्यवस्था है।
प्रदेश अध्यक्ष ने हिमाचल के मुख्यमंत्री व ऊर्जा मंत्री से यह आग्रह किया है कि बिजली बोर्ड का कर्मचारी बहुत ही असुरक्षित वातावरण में दिन रात कार्य कर रहा है। कर्मचारी भयभीत है परन्तु फिर भी अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन कर अपना कार्य करने के लिये तत्पर हैं। बिजली बोर्ड का पूरा कर्मचारी वर्ग हिमाचल सरकार के साथ इस विकट परिस्थिति में मजबूती के साथ गत वर्ष की भांति खड़ा है।