नियमितीकरण के इंतजार में एनएचएम कर्मचारी
प्रदेश में अभी नई सरकार को आए कुछ महीने ही हुए है मगर अभी से प्रदेश के कर्मचारियों ने सरकार के आगे अपनी मांगो का भंडार लगा दिया है। कर्मचारियों को उम्मीद है कि पिछली सरकार जो न कर पाई वो नई सरकार कर दिखाएगी। आशावान कर्मचारियों की लम्बी फेहरिस्त में एनएचएम कर्मचारी भी शामिल है। राज्य स्वास्थ्य समिति (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) अनुबंध कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों के अनुसार एनएचएम कर्मचारी विभिन्न स्वास्थ्य समितियों के तहत 24 वर्ष से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के तहत सेवाएं दे रहे हैं, लेकिन आज तक किसी भी सरकार द्वारा इन कर्मचारियों के लिए नियमितिकरण की कोई स्थायी नीति नहीं बनाई गई है।
एनएचएम कर्मचारियों ने मांग उठाई है कि इन कर्मचारियों को नियमित करने के लिए जल्द से जल्द मणिपुर की तर्ज पर पॉलिसी का निर्माण किया जाए। हाल ही में एनएचएम कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक सुदेश मोक्टा से मिला। इस दौरान उन्होंने मांग उठाई है कि कर्मचारियों को रेगुलर करने के लिए पॉलिसी का निर्माण किया जाए। गौरतलब है कि कर्मचारियों को रेगुलर करने के लिए बन रही पॉलिसी की फाइल एमडी एनएचएम के कार्यालय पहुंच चुकी है। ऐसे में कर्मचारियों ने मांग उठाई है कि जल्द से जल्द उनके लिए मणिपुर की तर्ज पर पॉलिसी तैयार की जाए।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हिमाचल प्रदेश में पिछले 24 वर्षों से तैनात करीब 1700 कर्मचारियों को अभी तक नियमित नहीं किया गया है। इनके नियमितीकरण के लिए पॉलिसी नहीं बनाई गई है। ऐसे में कर्मचारी पिछले कई सालों से राज्य सरकार से मांग उठा रहे हैं कि इनके नियमितीकरण के लिए पॉलिसी तैयार की जाए। राज्य स्वास्थ्य समिति (राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन) अनुबंध कर्मचारी संघ हिमाचल प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष सतीश कुमार ने यह मांग उठाई है। दरअसल यह कर्मचारी केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए चलाई जाने वाली विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन करते हैं और प्रदेश के सभी लोगों तक स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने का काम करते हैं। सतीश कुमार का कहना है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत रहे इन कर्मचारियों में से लगभग चार कर्मचारियों की नौकरी के दौरान मौत हो चुकी है तथा लगभग 56 लोग बिना किसी बेनेफिट लिए रिटायर हो चुके हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत कर्मचारियों द्वारा क्षय रोग, एचआईवी एड्स, शिशु स्वास्थ्य, कोविड-19 जैसे महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के तहत अपना योगदान दिया जा रहा है। किसी सरकार ने न तो आज तक इन कर्मचारियों का नियमितीकरण किया और न ही इन्हें रेगुलर स्केल का लाभ दिया जा रहा है।
प्रतिनिधिमंडल ने यह मांगें भी उठाईं
प्रतिनिधिमंडल ने मांग उठाई है कि एनएचएम से रिटायर होने वाले कर्मचारियेां को ग्रेच्यूटी भी प्रदान की जाए। साथ ही एनएचएम मेें करीब 250 के करीब कर्मचारी ऐसे हैं, जिन कर्मचारियों का ईपीएफ नहीं कट रहा है। उन्होंने मांग उठाई है कि एनएचएम के तहत कार्य कर रहे सभी कर्मचारियों का ईपीएफ काटा जाए। वही मिशन निदेशक ने आश्वासन दिया है कि उनकी मांगो पर विचार किया जाएगा।