आयुर्वेदिक विभाग में 21 वर्ष की सेवा देने के उपरांत भी नियमितीकरण नहीं
आयुर्वेदिक विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार के प्रति रोष प्रकट किया है। इन कर्मचारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार घोषणाएं तो करती है मगर वो घोषणाएं हकीकत नहीं बन पाती। हिमाचल प्रदेश आयुर्वेदिक विभाग चतुर्थ कर्मचारी संघ का कहना है कि साल 2017 में हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि जिन कर्मचारियों का 5 वर्ष का कार्यकाल पूरा हो गया है, उन्हें नियमित किया जाएगा। इसके बाद 27 नवंबर 2021 को भी प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया है कि जिन कर्मचारियों का 4 वर्ष का दैनिक वेतन भोगी रूप में कार्य पूरा चुका होगा उनको नियमित किया जाएगा, लेकिन आयुर्वेद विभाग में अब भी ऐसे कर्मचारी है जो 12 वर्ष का पार्ट टाइम व 9 वर्ष दैनिक वेतन भोगी कार्यकाल पूर्ण कर चुके है, परन्तु अब तक नियमित नहीं हुए। हिमाचल प्रदेश आयुर्वेदिक विभाग चतुर्थ कर्मचारी संघ का कहना है कि आयुर्वेदिक विभाग में कर्मचारी 21 वर्ष से अधिक सेवा देने के उपरांत भी दैनिक वेतन भोगी पद पर ही रिटायर हो रहे है। ये चिंता का विषय है। हिमाचल प्रदेश के दैनिक मजदूर कई बार प्रदेश सरकार से नियमितीकरण की फरियाद कर चुके हैं, लेकिन इन कर्मचारियों को इनका हक़ नहीं मिल पाया है। प्रदेश सरकार की अनदेखी के चलते 21 वर्ष की सेवा देने के उपरांत भी आयुर्वेदिक विभाग के इन कर्मचारियों को नियमित करने के लिए कोई भी सराहनीय कदम नहीं उठाया गया है। इन कर्मचारियों को आयुर्वेद विभाग में नियमित करने की बजाय इनका शोषण हो रहा है।
हम पर भी सरकार मेहरबान हो : तरसेम
प्रदेश की भाजपा सरकार खुद को गरीब मजदूरों की हितैषी सरकार बताती है, लेकिन असल में प्रदेश के गरीब मजदूर के सथ अन्याय हो रहा है। बाकी कर्मचारियों की तर्ज पर ही हम पर भी सरकार मेहरबान हो। प्रदेश के आयुर्वेदिक विभाग में कार्यरत कर्मचारियों को प्रदेश सरकार के बनाए हुए नियमों के आधार पर बिना किसी शर्त से नियमित करने के आदेश जारी किये जाए ताकि इन कर्मचारियों का शोषण न हो।
-तरसेम कुमार, प्रदेश अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश आयुर्वेदिक विभाग चतुर्थ कर्मचारी संघ।