फार्मासिस्ट भी अब सरकार से खफा
हिमाचल के फार्मासिस्ट भी अब प्रदेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल चुके है। प्रदेश अस्पताल फार्मासिस्ट संघ ने सरकार से मांग की है कि संघ के तमाम सदस्यों को रात्रि सेवाएं देने के एवज में एनपीए व 13 महीनों का वेतन प्राथमिकता के आधार पर प्रदान किया जाए। संघ के राज्य प्रेस सचिव कृष्ण कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि संघ की राज्य कार्यकारिणी की बैठक में ये फैसला लिया गया। कार्यकारिणी ने सर्वसम्मति से पारित किए गए प्रस्ताव में सरकार से यह भी मांग की है कि फार्मासिस्ट का पदनाम बदलकर फार्मेसी ऑफिसर तथा चीफ फार्मासिस्ट का नाम बदलकर चीफ फार्मेसी आफिसर किया जाए। संघ ने यह भी मांग की है कि सरकार नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा स्तरोन्नत स्वास्थ्य संस्थानों में फार्मासिस्टों और चीफ फार्मासिस्टों के पदों को प्राथमिकता के आधार पर सृजित करे। प्रदेश अस्पताल फार्मासिस्ट संघ का कहना है की हिमाचल के तमाम फार्मासिस्ट ने पुरे कोरोना काल में पूरी निष्ठा से अपनी सेवाएं प्रदान की है और अब भी कर रहे है। कोरोना काल में कई फार्मासिस्ट ने लम्बे समय तक बिना छुट्टी लिए अपने घरों से दूर रहकर भी अपनी सेवाएं दी है, मगर अक्सर उनकी अनदेखी ही की जाती है। सरकार बस आश्वासन थमा कर आगे बढ़ जाती है। अब उन्हें उम्मीद है कि सरकार उनकी मांगें ज़रूर पूरी करेंगी।