टीजीटी कला संघ का सवाल, शिक्षकों की मांगें कब पूर्ण होंगी
जेसीसी के फाइनल मिनिट्स सामने आने से शिक्षक वर्ग में निराशा है। शिक्षक वर्ग से जुड़े मुख्य सौ मुद्दों में से इक्का-दुक्का मुद्दों को ही जेसीसी में जगह मिली थी, जिसमें शिक्षक वर्ग से जुड़ी मांगें पूर्ण नहीं हुई हैं। शिक्षकों की अलग जेसीसी भी नहीं है। प्रदेश सरकार ने बजट सत्र के बाद शिक्षकों के मामले हल करने के लिए एक हाई पावर कमेटी का गठन किया था जिसके मुखिया प्रदेश के मुख्य सचिव हैं। वर्ष 2021 खत्म होने को है मगर हाई पावर कमेटी की शिक्षक संघों से वार्ता तक आयोजित नहीं हुई है। ऐसे में 70 हजार सरकारी शिक्षकों की मांगें कब पूर्ण होंगी, ये सवाल टीजीटी कला संघ ने प्रदेश सरकार से पूछा है। संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल ने कहा कि हाई पावर कमेटी की पहली बैठक दो दिसंबर को भी आयोजित नहीं हो सकी थी और इसके बाद भी शिक्षक संगठनों को अब तक अपना एजेंडा जमा करने और हाई पावर कमेटी की बैठक के लिए नहीं बुलाया गया है। जेसीसी में वेतन आयोग का अनुसरण केवल पे स्केल में करने के लिए कहा गया, जबकि सबसे अधिक आर्थिक नुकसान एचआरए आठ प्रतिशत पंजाब तर्ज पर न देना है। एरियर कैसे मिलेगा, इसकी रूपरेखा नहीं बताई गई। साथ ही 55 वर्ष आयु के बाद प्रमोशन के लिए विभागीय परीक्षा की शर्त हटानी बाकी है। पुरानी पेंशन बहाली मामला भी एक कमेटी के हवाले है। ऐसे में शिक्षक वर्ग के अनेक अन्य मामले न चर्चा में रखे गए थे और न ही उन पर काम शुरू हुआ। इसी तरह प्रदेश में पांच प्रतिशत डीए अब तक नहीं मिला और केंद्रीय कर्मचारियों की तर्ज पर अतिरिक्त तीन प्रतिशत डीए भी अभी घोषित नहीं हुआ है।