नर्सेज को क्वारंटाइन न करने से बढ़ सकता है कोरोना संक्रमण : अरुणा कौर
महामारी के इस दौर में नर्सेज कोरोना योद्धा के तौर पर अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है। बिना अपनी और अपने परिवार की परवाह किए नर्सेज निरंतर कोरोना मरीज़ों की सेवा में लगी हुई है। मगर सरकार उन्हें प्रोत्साहित करने की बजाए उनकी जान की भी परवाह नहीं कर रही। हिमाचल प्रदेश सरकार ने एम्ज़ (AIIMS) की तर्ज पर कोरोना वार्ड में सेवाएं दे रही नर्सेज का क्वारंटाइन पीरियड समाप्त कर दिया है। यानि की अब पहले की तरह कोरोना वार्ड में सेवाएं दे रही नर्सेज 10 दिन के लिए क्वारंटाइन नहीं होंगी बल्कि उन्हें या तो एक दम दूसरे वार्डस में सेवाएं देनी होगी या फिर उन्हें घर भेज दिया जाएगा। हिमाचल प्रदेश स्टेट नर्स एसोसिएशन ने इस निर्णय की निंदा की है। एसोसिएशन का कहना है कि प्रदेश के सभी हॉपिटल्स में अपनी जान की परवाह किए बिना नर्सेज दिन-रात अपनी सेवाएं दे रही है। एक नर्स 10 दिन तक लगातार ड्यूटी करने के बाद 7 दिन तक सबसे अलग आइसोलेशन पीरियड में रहती थी जिससे उनके बच्चे, परिवार और सोसयटी महामारी से बचे रहते थे। 7 दिन बाद वे फिर अपनी ड्यूटी में तैनात हो जाती थी। लेकिन अब सरकार द्वारा ये आइसोलेशन पीरियड खत्म कर दिया गया है जो की एक गलत निर्णय है। इससे न तो उनका परिवार सुरक्षित रहेगा और न ही अस्पताल के अन्य मरीज़।
ऐसा देखा गया है की वैक्सीन की दो डोज़ के बाद भी नर्सेज कोविड ड्यूटी के बाद कोरोना पॉजिटिव हुई है। एसोसिएशन का कहना है की उनकी एक सहयोगी आईजीएमसी में अपनी जिंदगी कि लड़ाई लड़ रही है। वो नर्स वेंटिलेटर पर है। एसोसिएशन प्रदेश अध्यक्ष अरुणा कौर, जनरल सेक्रेट्री सीता ठाकुर, वाईस प्रेजिडेंट वीना राणा, सुषमा ठाकुर, इंदु कश्यप व अन्य पदाधिकारियों ने आपस में सलाह मशवरा करके यह फैसला लिया है कि सरकार को कम से कम 7 दिन के लिए नर्सेज को क्वारंटाइन करना होगा। सरकार यदि शीघ्र अति शीघ्र इस प्रस्ताव को वापिस नहीं लेती तो उन्हें कठोर कदम उठाने के लिए मज़बूर होना पड़ेगा।