नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता पर मुख्यमंत्री के जबाब से कर्मचारियों में नाराजगी
- कर्मचारियों से सौतेला व्यवहार क्यों?
- अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन ने सरकार पर लगाए भेदभाव के आरोप
हिमाचल अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मुनीष गर्ग, प्रदेश महासचिव अनिल सेन, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय कुमार, संरक्षक राजेश सिंह पुरिया, सलाहकार राजेश वर्मा, प्रदेश प्रवक्ता विजय राणा, सचिव सुशील चंदेल, मोहन ठाकुर, प्रेस सचिव राकेश चौहान, प्रेमपाल पठानिया, आईटी सेल हेड संदीप चंदेल, जिला कांगड़ा अध्यक्ष सुनील पराशर, हमीरपुर जिलाध्यक्ष डॉ सुरेश कुमार, शिमला जिलाध्यक्ष नंद लाल, चम्बा जिलाध्यक्ष राजेंदर पॉल, मंडी जिला अध्यक्ष कृष्ण यादव, ऊना जिलाध्यक्ष संजीव बग्गा ने सामूहिक बयान में कहा कि संगठन अनुबंध और अनुबंध से नियमित कर्मचारियों की नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता पर मुख्यमंत्री द्वारा विधानसभा में दिए गए जबाब पर नाराजगी जताई है। विधानसभा में कांगड़ा के विधायक पवन काजल द्वारा अनुबंध कर्मचारियों को नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता दिए जाने के प्रश्न के जबाब में मुख्यमंत्री ने लिखित रूप में अनुबन्धकाल से वरिष्ठता देने से मना किया है।
मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए जबाब में कहा गया कि अनुबन्धकाल से वरिष्ठता देने का कोई प्रावधान नहीं है। कर्मचारियों का कहना ही कि पूर्व में विभिन्न कर्मचारियों को लाभ देने के लिए सरकार द्वारा कई बार नियम बदले हैं तो अनुबंध कर्मचारियों को वरिष्ठता क्यों नही दी जा सकती? 2008 में प्रदेश में पहली बार भाजपा सरकार ने बैच और कमीशन आधार पर चयनित कर्मचारियों को 8 साल के अनुबंध पर नियुक्ति दी। इससे पहले बैच और कमीशन पास कर्मचारियों को नियमित नियुक्ति दी जाती थी। अब यह कर्मचारी केवल नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता की मांग कर रहें है जिसे सरकार बार बार नियमों का हवाला देकर टाल रही है जोकि गलत है। कर्मचारियों का कहना है कि अगर पूर्व सरकारों में कोई निर्णय असमानता आधरित लिया गया हो तो वर्तमान सरकार का दायित्व है कि कर्मचारी हित में ऐसे निर्णयों को बदले नाकि नियमों का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़े। अगर नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता देने का सरकार विचार नहीं रखती तो बार बार कर्मचारियों को आश्वासन क्यों दिए जाते हैं?
आखिर पिछले 3 सालों से ऐसी कोन सी तकनीकी बाधाएं हैं जो दूर नहीं हो रहीं। नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता ना मिलने से जूनियर कर्मचारी सीनियर होते जा रहे हैं। सरकार द्वारा दिए गए अनुबंध की अवधि भी अलग अलग होने के कारण कर्मचारियों के नियमितीकरण में भी अंतर पैदा हुआ है। संगठन के पदाधिकारी अपनी प्रमुख मांग नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता व अनुबंध काल को कुल सेवाकाल में जोड़ने के संदर्भ में पिछले लगभग साढ़े तीन सालों में सैकड़ों ज्ञापन स्वयं और विभिन्न माध्यमों से मुख्यमंत्री को प्रेषित कर चुका है l लगभग सभी विधायकों व प्रदेश सरकार के मंत्री प्रदेश में जहां भी जाते थे उनसे वरिष्ठता से संबंधित ज्ञापन सौंपे गए हैं । 6 फरवरी 2020 को जिला मंडी सरोआ में जनमंच के दौरान भी मुख्यमंत्री ने संगठन के पदाधिकारियों को इस मांग को जल्द ही पूरा करने का आश्वासन दिया था l संगठन के पदाधिकारियों को मात्र आश्वासन ही मिलते आए हैं, जिससे प्रदेश के लगभग 60000 अनुबंध व अनुबंध से नियमित कर्मचारी अपने आपको ठगा हुआ सा महसूस कर रहे हैं l प्रदेश अध्यक्ष मुनीष गर्ग और महासचिव अनिल सेन ने कहा कि प्रदेश सरकार यह बताएं कि कर्मचारी अपनी जायज मांगों को सरकार से पूरा करवाने के लिए और कौन सा तरीका अपनाएं जिससे कि यह मांग पूरी हो सके l संगठन के प्रदेश महासचिव अनिल सेन ने कहा कि सरकार ने हर कर्मचारी वर्ग की मांगों का ध्यान रखा लेकिन सिर्फ पुरानी पेंशन और नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता की मांग को यूं ही छोड़ दिया गया है जिससे इस प्रदेश के हर विभाग में कार्यरत अनुबंध व अनुबंध से नियमित कर्मचारियों में प्रदेश सरकार के प्रति रोष बढ़ता जा रहा है l प्रदेश सरकार यह बताए कि 60000 अनुबंध और अनुबंध से नियमित कर्मचारियों के साथ ऐसा सौतेला व्यवहार क्यों?
उन्होंने कहा कि जल्द ही उनका एक प्रतिनिधिमंडल इस मांग के संदर्भ में मुख्यमंत्री से शिमला में मिलेगा l प्रदेश महासचिव अनिल सेन ने कहा कि सरकार की वित्तीय हालत को देखते हुए उन्हें यह वरिष्ठता बिना किसी वित्तीय लाभ के चाहिए जिसके लिए कर्मचारी एफिडेविट तक देने को तैयार हैं l संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि उनका संगठन सिर्फ और सिर्फ प्रदेश के विभिन्न विभागों में R&P नियमों अर्थात कमीशन और बैच वाइज आधार पर भर्ती अनुबंध और अनुबंध से नियमित कर्मचारियों के लिए ही नियुक्ति की तिथि से मांग करता आ रहा है l उन्होंने कमीशन पास करके कोई गुनाह किया है क्या? यदि गुनाह किया है तो सरकार को हिमाचल लोक सेवा आयोग व हिमाचल प्रदेश स्टाफ सिलेक्शन बोर्ड बंद कर देने चाहिए।