छठा वेतन आयोग : पंजाब ने किये संशोधन, अब हिमाचल के कर्मचारियों को भी उम्मीद
पंजाब में छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लेकर लगातार चल रहे विरोध के बाद पंजाब सरकार ने इनमें कुछ संशोधन किए हैं। पंजाब में कर्मचारी छठे वेतन आयोग की सिफारिशों में विसंगतियों को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे थे जिसका असर हिमाचल में भी देखने को मिल रहा था। देर से ही सही मगर अब पंजाब सरकार ने अपने कर्मचारियों को कुछ राहत दी है। पंजाब ने अपने सचिवालय कर्मचारियों की सचिवालय-पे को बहाल कर दिया है। इसी के साथ कर्मचारियों के कई अन्य भत्ते भी बढ़ा दिए गए है। पंजाब में मिली इन राहतों के बाद अब हिमाचल के कर्मचारियों की उम्मीदें भी बढ़ गई है।
हिमाचल में लगतार कर्मचारी छठे वेतन आयोग की सिफारिशों में विसंगतियों का विरोध कर रहे थे। छठे वेतन आयोग में सचिवालय पे को वेतन का हिस्सा न मान कर भत्ते में बदल दिया गया था। सचिवालय के अलग-अलग श्रेणियों के कर्मचारियों को 600 रुपए से लेकर 2500 रुपए तक प्रति माह सचिवालय पे दी जाती है। पेंशन में भी इसका लाभ मिलता था, मगर इसके भत्ता बनने के बाद सचिवालय से सेवानिवृत्त होने वाले पेंशनरों को ये नहीं मिलता। इस सचिवालय पे पर 3800 रुपए के करीब DA भी कर्मचारियों को मिलता था। परन्तु भत्ता बनने के बाद इस पर DA नहीं मिलता और एक कर्मचारी को एक महीने में 3800 रूपए का नुक्सान झेलना पड़ता। पंजाब में भी इस मुद्दे को लेकर संघर्ष हुआ, हिमाचल के कर्मचारी भी पंजाब में जाकर वहां के कर्मचारियों के संघर्ष में जुड़े। अब पंजाब सरकार ने अपने सचिवालय कर्मचारियों की सचिवालय-पे को बहाल कर दिया है और अब उम्मीद है कि हिमाचल में छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने पर ऐसा ही होगा।
सचिवालय कर्मचारियों के साथ राजभवन के कर्मचारी, लोकायुक्त कार्यालय, लोक सेवा आयोग कर्मचारी व मानवाधिकार आयोग कार्यालय के कर्मचारी भी जुड़े हैं, जिनको सचिवालय वेतन का लाभ उनके वेतन के साथ मिलने की उम्मीद है। पंजाब में रूरल एरिया ग्रांट, मासिक ट्रैवलिंग अलाउंस, फिक्स्ड मेडिकल अलाउंस, सिटी अलाउंस को लेकर भी संशोधित अधिसूचनाएं लागू की गई हैं, जो हिमाचल में उस तर्ज पर नहीं दी जाती है।
इसी तरह पंजाब में डॉक्टरों के एनपीए के मामले में भी राहत दी गई है। डॉक्टर एनपीए को लेकर लगातार संघर्ष कर रहे थे, वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत चिकित्सकों का प्रैक्टिसिंग अलाउंस 25 से 20 फीसदी कर उसे बेसिक वेतन से अलग कर दिया गया था। इसका विरोध हुआ और चिकित्सक संघ ने पेन डाउन स्ट्राइक भी की। अब पंजाब में डॉक्टरों का एनपीए 20 फीसदी किया गया है। हिमाचल में पहले ही यह 25 फीसदी के हिसाब से दिया जा रहा है, जबकि पंजाब में यह केंद्र सरकार की तर्ज पर कर दिया गया है, और अब इसे वेतन का हिस्सा भी मान लिया गया है। लिहाजा अपेक्षित है कि हिमाचल के डॉक्टरों को भी उनके वेतन के साथ एनपीए जुड़कर मिलेगा। ऐसे में इन संशोधनों का फायदा वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद प्रदेश के कर्मचारियों को मिलेगा।
डॉक्टरों ने अपने हक के लिए संघर्ष किया जिसका फल अब उन्हें मिलेगा। पंजाब सरकार ने एनपीए को वेतन का हिस्सा मान लिया है जो एक बहुत अच्छी खबर है। हिमाचल प्रदेश सरकार ने हमे आश्वासन दिया था की ज़रूरी नहीं है की वे पंजाब को पूरी तरह से फॉलो करेंगे। हमें उम्मीद है की जो भी सरकार करेगी वो पूरी तरह से डॉक्टरों के हित में होगा।
- डॉ. पुष्पेंद्र वर्मा, महासचिव, हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर संघ।पंजाब सरकार ने सचिवालय कर्मचारियों को एक बड़ी राहत दी है। सचिवालय पे को दोगुना कर दिया गया है जो सचिवालय कर्मचारियों को लाभ पहुंचाएगा। उम्मीद है की जब हिमाचल में छठा वेतन आयोग लागू हो तो वो कर्मचारियों के हित में हो।
-भूपेंदर सिंह, अध्यक्ष सचिवालय कर्मचारी महासंघ।