मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पूरा करें अपना वादा: बेरोज़गार कला अध्यापक संघ
कुछ दिनों पहले ही सभी ज़िलों से आए बेरोजगार कला अध्यापक संघ ने अपनी मांगों को लेकर शिमला मे विधानसभा का घेराव किया था। उन्होंने मुख्यमंत्री के सामने अपनी मांगे रखी थी। उन्होंने पहले से दसवीं तक कला विषय को अनिवार्य किया जाए, आर टी एक्ट में संशोधन करके 100 बच्चों वाली कंडीशन को खत्म किया जाए, कला अध्यापकों की हर साल भर्ती की जाए, जिस तरह से नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में कला को महत्त्व दिया गया है उसी प्रकार से कला को शिक्षा में जरूरी विषय बनाया जाए, शिक्षा विभाग से वित्त विभाग को 500 कला अध्यापकों के पदों को भरने हेतु जो फाइल गई है उसे जल्द से जल्द वित्त विभाग से मंजूरी दिलाकर कला अध्यापकों की भर्ती की जाए आदि मांगे सरकार के समक्ष रखी थी। संघ का कहना है कि जब मुख्यमंत्री जयराम के समाने यह मांगे रखी तो उन्होंने बेरोजगार कला अध्यापकों से एक वादा किया था कि अप्रैल महीने में होने वाली कैबिनेट मीटिंग मे 500 बेरोजगार कला अध्यापकों के पदों को मंजूरी दिला देंगे।
लेकिन अप्रैल से लेकर मई हुई किसी भी कैबिनेट मीटिंग में मुख्यमंत्री जयराम ने बेरोजगार कला अध्यापकों से किया वादा पूरा नहीं किया। जिसके चलते बेरोजगार कला अध्यापकों को एक बार फिर निराशा हाथ लगी। बेरोजगार कला अध्यापक संघ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रमेश कुमार, वर्तमान समय के प्रदेशाध्यक्ष मुकेश भारद्वाज, चम्बा से शक्ति प्रसाद, कांगड़ा के रजनीश, ऊना से सारिका ठाकुर, हमीरपुर से अंजना,मण्डी से हिमांशु चौहान, कुल्लू से रूपेश कुमार, बिलासपुर से अंजना कुमारी, शिमला से संतोष नांटा, सिरमौर से नरेश शर्मा व सोलन से जगदीश कुमार ने मांगों पर चर्चा करके सरकार से कला अध्यापकों के पदो को भरने के लिए मांग की है ताकि बच्चों का भविष्य बनाया जा सके। इस पर पूर्व प्रदेशाध्यक्ष रमेश कुमार का कहना है कि सरकार सभी बेरोजगार अध्यापकों को फिर से शिमला में विधानसभा का घेराव करने के लिए मजबूर ना करे। कुछ बेरोजगार कला अध्यापकों की उम्र 45 पार कर चुकी हैं। बेरोजगार कला अध्यापकों का कहना है कि प्रदेश सरकार कला अध्यापकों के पदों को जल्द से जल्द भरें।